गौतम अडानी की कंपनी अडानी पोर्ट्स ने एक बड़ा दाव लगाया है। कंपनी ने इंडियन ऑयलटैंकिंग में 49.38 फीसदी की हिस्‍सेदारी खरीदी है। भारत की सबसे बड़ी परिवहन उपयोगिता वाली कंपनी अडानी पोर्ट्स ने 1,050 करोड़ रुपये में यह डील पूरी की है। इसके अलावा, कंपनी ने IOT उत्कल एनर्जी सर्विसेज में ऑयलटैंकिंग GMBH की 10 परसेंट इक्विटी हिस्सेदारी ली है। बता दें कि इंडियन ऑयलटैंकिंग लिमिटेड (IOT) देश में लिक्विड स्‍टोरेज और परिचालन का काम करती है।

गौतम अडानी की कंपनी ने कहा कि इस डील के साथ ही अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (APSEZ) भारत का सबसे बड़ा थर्ड-पार्टी लिक्विड टैंक स्टोरेज प्लेयर बन गया है। कंपनी ने अपने बयान में यह भी कहा कि अधिग्रहण से इसकी ऑयल स्‍टोरेज क्षमता तीन गुना बढ़कर 3.6 मिलियन किलोलीटर हो चुुकी है।

गौरतलब है कि इस समझौते में आईओटी उत्कल एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड और आईओटीएल की 71.57 फीसदी सब्सिडरी कंपनी में अतिरिक्त 10 फीसदी की इक्विटी हिस्सेदारी है।

अडानी पोर्ट्स के सीईओ ने क्‍या कहा

कंपनी के सीईओ ने अपने बयान में कहा, “इस अधिग्रहण के साथ, APSEZ की तेल भंडारण क्षमता 200 फीसदी बढ़कर 3.6 Mn KL हो गई है और यह विश्‍व स्‍तर पर सबसे बड़ी तेल भंडारण क्षमता बनने के प्रयास में हैं, जो कंपनी के उद्देश्‍यों को पूरा करने में मदद करेगा।

IOTL कंपनी के बारे में डिटेल

पिछले 26 वर्षों में, IOTL ने कच्चे और तैयार पेट्रोलियम उत्पादों के भंडारण के लिए 2.4 Mn KL की कुल क्षमता के साथ पांच राज्यों में छह टर्मिनलों का एक नेटवर्क बनाया है। इस नेटवर्क में महाराष्ट्र में नवघर टर्मिनल, छत्तीसगढ़ में रायपुर टर्मिनल और गोवा टर्मिनल शामिल हैं। वित्त वर्ष 2022 में, IOTL का राजस्व 526 करोड़ रुपये और EBITDA 357 करोड़ रुपये था।

बता दें कि देश में तेल उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए IOTL विकास की होड़ में है। कंपनी ने हाल ही में पारादीप बंदरगाह पर 0.6 मिलियन KL कच्चे स्‍टोरेज टैंकों के निर्माण, संचालन और रखरखाव के लिए नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड के साथ 25-वर्षीय BOOT अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।