Shivinder Singh Bankruptcy: Fortis Healthcare and Religare Enterprises के पूर्व प्रमोटर शिविंदर मोहन सिंह ने दिल्ली में National Company Law Tribunal (NCLT) के सामने Personal Insolvency (व्यक्तिगत दिवालियापन) के लिए आवेदन किया है। बार एंड बेंच ने बताया है कि इस मामले में 21 अप्रैल को सुनवाई हुई थी और मई में फिर से सुनवाई होनी है।
शिविंदर मोहन सिंह ने Insolvency and Bankruptcy Code (IBC) की धारा 94 का हवाला दिया है। इसके तहत लोगों को इस बात की छूट मिलती है कि वे अगर कर्ज नहीं चुका पाते हैं तो दिवालिया घोषित करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। शिविंदर मोहन सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि अब उनकी देनदारियां उनके पास बची संपत्तियों की कीमत से ज्यादा हो गई हैं।
1000 रुपये से बढ़कर 7500 रुपये हो जाएगी ईपीएस-95 पेंशन? जानें क्या है लेटेस्ट अपडेट
अमीर कारोबारियों में गिने जाते थे शिविंदर और मालविंदर
शिविंदर सिंह और उनके बड़े भाई मालविंदर सिंह एक वक्त में भारत के सबसे अमीर कारोबारियों में गिने जाते थे। 2008 में रैनबैक्सी लैबोरेटरीज में अपनी हिस्सेदारी जापानी दवा कंपनी दाइची सैंक्यो (Daiichi Sankyo) को लगभग 4.6 बिलियन डॉलर में बेचने के बाद इनका नाम चर्चा में आया था। बाद में उन्होंने Fortis Healthcare and Religare Enterprises पर काम किया। लेकिन रैनबैक्सी सौदा जल्द ही विवादों में आ गया। दाइची सैंक्यो ने दोनों भाइयों पर कुछ अहम कानूनी मुद्दों को छिपाने का आरोप लगाया।
अपने पीछे करोड़ों की संपत्ति छोड़ गए पोप फ्रांसिस, जानें सैलरी, नेटवर्थ व कार कलेक्शन की डिटेल
2016 में, सिंगापुर के मध्यस्थता न्यायाधिकरण (Arbitration Tribunal) ने दाइची सैंक्यो के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसमें दोनों भाइयों को धोखाधड़ी का दोषी ठहराया गया। न्यायाधिकरण ने कहा कि वे 3,500 करोड़ रुपये का हर्जाना दें। इस फैसले को भारत की अदालतों ने भी बरकरार रखा और प्रवर्तन की कार्यवाही शुरू कर दी।
इसका नतीजा यह हुआ कि कई व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट संपत्तियां जब्त कर ली गईं। इनमें RHC Holding Pvt. Ltd भी शामिल हैं।
मालविंदर सिंह ने अपनी अर्जी में कहा है कि कई सालों की मुकदमेबाजी, संपत्ति की जबरन बिक्री तथा RHC Holding में फाइनेंशियल मिसमैनेजमेंट की वजह से उन पर कर्ज का बोझ उनकी संपत्ति से कहीं ज्यादा हो गया है।
Confirm Tatkal Ticket: अब झंझट खत्म, इस ट्रिक से तुरंत मिलेगा कंफर्म तत्काल टिकट