वैश्विक मांग में सुस्ती व निर्यात में गिरावट से चिंतित वित्त मंत्री अरुण जेटली ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक अनुकूल प्रणाली बनाने की जरूरत बताई है। उन्होंने निर्यातकों से कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में सुस्त मांग की चुनौती से निपटने के लिए प्रतिस्पर्धी मूल्य पर गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार करें। जेटली ने कहा कि हमारे वैश्विक अनुभव ने हमें एक महत्त्वपूर्ण तथ्य सिखाया है कि दुनिया अच्छे उत्पाद खरीदना चाहती है। वे सस्ते उत्पाद चाहते हैं। ऐसे में आपको दूसरों से आगे बढ़कर सोचना होगा। ऐसे उत्पादों का विनिर्माण करना होगा जो लागत व गुणवत्ता की दृष्टि से प्रतिस्पर्धी हों।
उन्होंने कहा कि इससे वास्तव मेंं आपको बेहद खराब वैश्विक परिस्थितियों में भी बड़ा बाजार ढूंढने में मदद मिलेगी। हमें भारत में ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना होगा जिससे इसमें मदद मिले। वित्त मंत्री यहां भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के समापन समारोह में बोल रहे थे। मेला 14 से 27 नवंबर तक यहां प्रगति मैदान में आयोजित किया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि व्यापार से आर्थिक गतिविधियों के विस्तार में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि प्रमुख चुनौती ऐसे समय निर्यात बढ़ाने की है जबकि विश्व व्यापार पर दबाव बन रहा है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक खरीदार की खरीद क्षमता संकुचित हो रही है। उनकी खरीद क्षमता कम हुई है, ऐसे में आपूर्तिकर्ताओं को खरीदार ढूंढने में दिक्कत आ रही है। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि वैश्विक बाजारों में तेल, गैस, धातु, खाद्य उत्पाद व अन्य जिंसों की कीमतों में गिरावट से निर्यात से प्राप्त मूल्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि मात्रा के हिसाब से निर्यात नहीं घटा है, बल्कि मूल्य कम प्राप्त हो रहा है।
देश के निर्यात की वृद्धि दर अक्तूबर में लगातार 11वें महीने नकारात्मक दायरे में रही। अक्तूबर में यह 17.53 फीसद घटकर 21.35 अरब डालर रह गया। जेटली ने कहा कि व्यापार मेलों से व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलता है। इस साल व्यापार मेले में 17 लाख लोग गए। उन्होंने कहा कि आईआईटीएफ बेहतर स्थान पर है। कई लोग इसे अन्य जगह ले जाने के इच्छुक हैं। लेकिन मुझे बताया गया है कि आइआइटीएफ के चेयरमैन एलसी गोयल इसे यहीं कायम रखने को प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि यह शायद शहर के बीचोंबीच बेश कीमती संपत्ति है।
उन्होंने कहा- चूंकि आपके पास एक मूल्यवान भूमि संसाधन है, जिसका कई तरीकोें से बेहतर दोहन किया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि इस जमीन का इस्तेमाल कई तरीकों से हो सकता है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस संपत्ति को एक विश्वस्तरीय प्रदर्शनी केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। आइटीपीओ का चेयरमैन बनने से पहले गोयल गृह सचिव थे।