अडानी समूह की कंपनियों पर फिच ग्रुप की यूनिट क्रेडिटसाइट्स ने अपनी ही रिपोर्ट में गलती स्वीकार करते हुए आंकड़ों में सुधार किया है। क्रेडिटसाइट्स की इस रिपोर्ट पर अडानी ग्रुप ने 6 सितंबर को जारी 15 पन्नों की रिपोर्ट में कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके बाद फिच की यूनिट ने आंकड़ों में सुधार किया है।
अडानी ग्रुप की ओर से 15 पन्नों में क्रेडिटसाइट्स की रिपोर्ट का जवाब देते हुए कहा गया था कि कंपनियों ने लगातार डी-लीवर किया है, पिछले नौ वर्षों में कुल कर्ज और एबिटा अनुपात 7.6 गुना से घटकर 3.2 गुना हो गया है। वहीं पीटीआई के रिपोर्ट मुताबिक, मार्च 2022 में अडानी ग्रुप पर 1.88 लाख करोड़ रुपए का कुल कर्ज 1.61 लाख करोड़ रुपए था।
फिच ग्रुप की यूनिट ने रिपोर्ट में क्या कहा था
पिछले महीने के अंत में अडानी ग्रुप को लेकर फिच ग्रुप की यूनिट क्रेडिटसाइट्स ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें अडानी फर्मों को निवेश और अधिग्रहण पर गहराई से अधिक लाभ उठाने वाला बताया था और लोन को निवेश की आधी रकम से अधिक बताया था। रिपोर्ट में कहा था कि पोर्ट-टू-पावर-टू-सीमेंट समूह “गहराई से अधिक लीवरेज्ड” है, जो मुख्य रूप से लोन का उपयोग करके आक्रामक रूप से निवेश करता है। साथ ही चिंता जाहिर की थी कि ग्रुप बड़े लोन के जाल में फंस सकता है और संभवत: कंपनियों डिफॉल्ट भी हो सकती हैं।
क्या सुधार किया
अडानी ग्रुप के जवाब के बाद क्रेडिटसाइट्स ने 7 सितंबर को फोन कॉल से कंपनी के प्रबंधन से बात की थी और अपनी रिपोर्ट में लोन को लेकर कैलकुलेशन में सुधार किया था और एक नोट जारी किया। इसमें फिच समूह इकाई ने अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड और दो अडानी पावर के लाभ और लोन के आंकड़ों में सुधार किया है।
अडानी ट्रांसमिशन के लिए क्रेडिटसाइट्स ने ब्याज, टैक्स और मुख्य लाभ से पहले कमाई को 42 अरब रुपए बताया था, जो 52 अरब रुपए (652.45 मिलियन डॉलर) का अनुमान लगाया है। अडानी पावर के लिए इसने अपने कुल लोन के अनुमान को 582 अरब रुपए से घटाकर 489 अरब रुपए कर दिया है।
प्रमोद शेनोई सहित विश्लेषकों ने लिखा कि इन सुधारों ने हमारी निवेश सिफारिशों को नहीं बदला है। लोन अनुसंधान फर्म ने बुधवार, 7 सितंबर को एक रिपोर्ट में कहा कि उसने अडानी ग्रुप के वित्त और अन्य अधिकारियों के साथ बात की थी और अडानी ट्रांसमिशन और अडानी पावर के लिए कुछ आंकड़ों का मिलान किया था।
गौरतलब है कि अडानी ने पिछले कुछ वर्षों में अपने कोल-टू-पोर्ट्स समूह का विस्तार करते हुए डेटा सेंटर से लेकर सीमेंट, मीडिया और एल्युमिना तक हर चीज में निवेश किया है। ग्रुप अब भारत के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बंदरगाह और हवाई अड्डे के संचालक, शहर-गैस वितरक और कोयला खनिक का मालिक है।