अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच ने मंगलवार को कहा कि इस साल के अंत तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ब्याज दर में 5.9 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर सकता है।

वैश्विक अर्थवयवस्था के बारे में आउटलुक जारी करते हुए फिच ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था खराब वैश्विक परिस्थितियों का सामना कर रही है। जिंसों (Commodities) के दाम ऊपरी स्तर बने रहेंगे और पूरी दुनिया में बढ़ रही ब्याज दरों का प्रभाव भारतीय अर्थवयवस्था पर दिखेगा।

फिच ने आगे कहा कि महंगाई बढ़ने की आशंका के चलते हमारा अनुमान है कि आरबीआई दिसंबर 2022 तक ब्याज दर 5.9 फीसदी तक बढ़ा सकता और 2023 के अंत यह 6.15 फीसदी तक हो सकती है जबकि 2024 के अनुमानों में फिलहाल कोई भी बदलाव नहीं किया गया है।  

बता दें, महंगाई पर काबू पाने के उद्देश्य से पिछले दो महीनों में दो बार रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि कर चुका है। पिछले हफ्ते केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 50 आधार अंक या 0.5 फीसदी की वृद्धि कर 4.9 फीसदी कर दिया था जबकि मई में 40 आधार अंक या 0.4 फीसदी की वृद्धि की थी। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक महंगाई दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। मई में खुदरा महंगाई 7.04 फीसदी पर पहुंच गई थी।

फिच ने कहा कि मौजूदा समय में महंगाई 8 सालों के उच्चतम स्तर पर है और सीपीआई की सभी कैटेगरियों में फैली हुई है। पिछले 3 महीने में खाद्य महंगाई दर सालाना 7.3 फीसदी की दर से बढ़ी है, जबकि इस दौरान लोगों के मेडिकल बिलों मे भी सामान रूप से वृद्धि हुई है।  फिच ने अनुमान जताया है कि कोरोना वायरस के मामले कम होने के कारण भारत की जीडीपी बढ़त देखने को मिल सकती है। वित्त वर्ष 2022 -23 के लिए फिच ने जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 8.7 फीसदी घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया है।

इससे पहले मई में एस&पी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.8 फीसदी से घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया है। वहीं, आईएमएफ ने भी ग्रोथ का अनुमान 9 फीसदी से घटाकर 8.2 फीसदी कर दिया है।