Petrol-Diesel Prices Hike: देश में लगातार बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों से आम आदमी परेशान है। वहीं, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार करते हुए ‘धर्मसंकट’ बताया है।
दरअसल, यह सवाल पूछा गया कि क्या केंद्र उपभोक्ताओं को ऊंची कीमतों से राहत के लिए उपकर या अन्य करों को कम करने पर विचार कर रहा है। इस सवाल पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस सवाल ने उन्हें ‘धर्म-संकट’ में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि यह तथ्य छिपा नहीं है कि इससे केंद्र को राजस्व मिलता है। राज्यों के साथ भी यही बात है।
निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘मैं इस बात से सहमत हूं कि उपभोक्ताओं पर बोझ को कम किया जाना चाहिए।’’ इससे पहले रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने भी पेट्रोल और डीजल पर टैक्स को कम करने को कहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच समन्वित कार्रवाई की जरूरत है।
पेट्रोलियम मंत्री ने क्या कहा: केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि तेल-उत्पादक देश कच्चे तेल के दाम बढ़ा रहे हैं और इस वजह से देश में भी पेट्रोलियम उत्पाद महंगे हो रहे हैं। प्रधान ने कहा, ‘‘अधिक लाभ कमाने के लिए कच्चे तेल के आपूर्तिकर्ता देश दाम बढ़ा रहे हैं।’’ उनसे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के बारे में पूछा गया था।
उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के आपूर्तिकर्ता देशों से आग्रह किया गया है कि वे कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी नहीं करें, क्योंकि इससे उपभोक्ता सीधे प्रभावित होते हैं। प्रधान ने कहा कि इन देशों ने देशहित में कीमतें कृत्रिम तरीके से बढ़ाई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आप मनमाने तरीके से दाम नहीं बढ़ा सकते क्योंकि इससे उपभोक्ता देशों पर असर पड़ता है। ’’
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि खराब मौसम की वजह से पिछले दो-तीन सप्ताह में अमेरिका में भी उत्पादन घटा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि स्थिति में जल्द सुधार होगा। बता दें कि तेल की कीमतों की वजह से केंद्र सरकार, विपक्ष के निशाने पर है। देश के कई इलाकों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के पार पहुंच चुकी है।