जीएसटी पर अरविंद सुब्रमण्यन समिति की सिफारिशें लागू की जाती हैं तो टेलीफोन सेवाएं, रेस्तरां में खाना और बैंकिंग जैसी सेवाएं महंगी हो जाएंगी क्योंकि कर की दर मौजूदा 14.5 फीसद से बढ़कर 17-18 फीसद हो जाएंगी।
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन की अध्यक्षता वाली समिति ने पूरे देश के लिए ज्यादातर वस्तुओं व सेवाओं पर 17-18 फीसद की मानक दर लगाने का सुझाव दिया है। भारत में डेलायट की वरिष्ठ निदेशक सलोनी राय ने कहा कि जब जीएसटी लागू होगा तो कर की दर अचानक 14 फीसद से बढ़कर 17-18 फीसद पहुंच जाएगी। इससे सेवाएं महंगी हो जाएंगी।
सरकार ने एक अप्रैल से वस्तु व सेवाकर (जीएसटी) लागू करने की योजना बनाई है। एक संविधान संशोधन विधेयक इस समय राज्यसभा में लंबित है। उन्होंने कहा कि 1994 में सीमित सेवाओं पर पांच फीसद की दर से सेवाकर लगाना शुरू किया गया था। धीरे-धीरे कर की दर बढ़कर 14 फीसद पर पहुंच गई है।
कुछ को छोड़कर लगभग सभी सेवाएं इसके दायरे में आ चुकी हैं। पिछले बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सेवाकर की दर 12.36 फीसद से बढ़ाकर 14 फीसद कर दी और 0.5 फीसद का उपकर शामिल करने के बाद वर्तमान में सेवाकर की दर 14.5 फीसद है।
अभी यह भी साफ नहीं किया गया है कि स्वच्छ भारत उपकर को जीएसटी में समाहित कर दिया जाएगा या इसे मानक दर के अलावा लगाया जाएगा। बीएमआर एंड एसोसिएट्स की साझीदार मालिनी मल्लिकार्जुन ने कहा कि रीयल एस्टेट जैसे कुछ क्षेत्रों पर असर नहीं पड़ेगा क्योंकि ये जीएसटी में शामिल नहीं हैं।