प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की सरकार ने देश में किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से पीएम किसान (PM Kisan) योजना की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojna) के तहत पात्र किसानों को साल में छह हजार रुपये की मदद दी जाती है। यह मदद दो-दो हजार की तीन किस्तों में सीधे किसान के खाते में पहुंचाई जाती है।
यह योजना सभी जरूरतमंद किसानों के लिए बड़े काम की है। यही कारण है कि अभी देश भर के करीब 12 करोड़ किसान इसका लाभ उठा रहे हैं। हालांकि अभी भी लोगों को इस बात की जानकारी का अभाव है कि कौन इसके पात्र है और कौन नहीं। जैसे अक्सर यह सवाल किया जाता है कि जो किसान आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करते हैं, उन्हें इस योजना का लाभ मिल सकता है नहीं।
आइए, पहले यह जानते हैं कि कौन-कौन PM Kisan योजना के पात्र नहीं हैं
जिन किसानों के परिवार के एक या अधिक सदस्य निम्न में से किसी श्रेणी के हों, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल सकता है:
- अभी या पूर्व में किसी संवैधानिक पद पर रहे हों।
- पूर्व या वर्तमान मंत्री, राज्य मंत्री, लोकसभा या राज्यसभा के सदस्य, किसी राज्य में विधायक या विधान पार्षद, किसी नगर निगम के मेयर, किसी जिला पंचायत के चेयरमैन।
- मल्टी टास्किंग स्टाफ, चतुर्थ वर्ग और ग्रुप डी के कर्मचारियों को छोड़ कोई भी सरकारी नौकरी।
- 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले।
- पिछले आकलन वर्ष में आयकर भरने वाले।
- डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, सीए, आर्किटेक्ट आदि (पेशेवर निकायों के साथ पंजीकृत)
इनके अलावा, जिन किसानों के पास संस्थागत जमीनें हैं, वे भी पीएम किसान के लाभ के पात्र नहीं है। इन श्रेणियों को छोड़ सारे किसान पीएम किसान योजना के लाभ के पात्र हैं, चाहे वे आईटीआर भरते हों या नहीं भरते हों।
उल्लेखनीय है कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को अब तक 1.60 लाख करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। इनमें से एक लाख करोड़ रुपये किसानों को कोरोना काल में दिए गए हैं।
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नहीं मिल रही PM Kisan की किस्त, तो सुधार लें ये गलतियां
हालांकि कुछ किसानों को आवेदन के बाद भी किस्त नहीं मिल पा रही है। ऐसे किसानों को कुछ चीजें चेक कर लेने की जरूरत है। उदाहरण के लिए, किसान का नाम अंग्रेजी में होना जरूरी है। जिन किसानों का नाम आवेदन में हिंदी में लिखा है, उन्हें बदलाव करने की जरूरत है। अप्लाई करने वाले के नाम और बैंक खाते में दर्ज नाम में कोई अतर नहीं होना चाहिए। इसके अलावा बैंक खाता, गांव का नाम, IFSC Code को भी फिर से मिला लेना जरूरी है। इनमें गलतियां होने से भी किस्तें रुक सकती हैं।