लोकप्रिय मेसेजिंग ऐप वॉट्सऐप को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने बड़ी राहत दी है। Competition Commission of India ने डिजिटल पेमेंट मार्केट में स्थापित होने के लिए अपनी पहुंच का बेजा इस्तेमाल करने के आरोपों से वॉट्सऐप को क्लीन चिट दी है। आयोग ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि कंपनी ने अपनी पहुंच का कोई गलत इस्तेमाल नहीं किया है। दरअसल मार्च में फेसबुक के मालिकाना हक वाले वॉट्सऐप के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसमें कहा गया था कि वॉट्सऐप ने अपने ऐप के तहत ही WhatsApp Pay के तहत पेमेंट की सुविधा भी दी है। वॉट्सऐप का पहले ही बड़ा यूजर बेस है, ऐसे में कंपनी ने उसका बेजा इस्तेमाल किया है।

वॉट्सऐप के खिलाफ दायर केस में यह आरोप लगाया गया था कि उसने मौजूदा यूजर्स को एक तरह से पेमेंट सर्विस को इस्तेमाल करने के लिए बाध्य करने की कोशिश की है। इस पर सुनावई करते हुए आयोग ने अपने 41 पेज के फैसले में कहा कि उसे इन आरोपों में दम नहीं लगता। आयोग ने कहा कि वॉट्सऐप ने ऐंटी-ट्रस्ट लॉ का उल्लंघन नहीं किया है।

कंपनी ने मार्केट में एक तरह से अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए ऐसा कदम उठाया है। इसके अलावा उसने अब तक इस सर्विस को पूरी तरह से लॉन्च भी नहीं किया है। आदेश में कहा गया कि बीटा वर्जन के तहत जिन ग्राहकों को यह फैसिलिटी दी गई है, वे देश में उसके कुल यूजर बेस के 1 फीसदी के बराबर भी नहीं हैं।

सीसीआई का यह फैसला वॉट्सऐप के लिए बड़ी राहत है। फेसबुक की ओर से बीते कई महीनों से वॉट्सऐप सर्विस शुरू करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन उसे जरूरी क्लियरेंस नहीं मिल पा रहा है। वॉट्सऐप ने केस की सुनवाई के दौरान कहा था कि यूजर्स के लिए यह जरूरी नहीं है कि वे ऐप का इस्तेमाल करने के लिए पेमेंट फीचर के लिए भी रजिस्टर करें। ऐसे में वॉट्सऐप के यूजर्स को बाध्य करने जैसी बात नहीं कही जा सकती। वॉट्सऐप की ओर से इस मामले में अब तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। गौरतलब है कि फेसबुक लगातार भारत में अपने विस्तार को लेकर काम कर रहा है। हाल ही में कंपनी ने रिलायंस जियो में 43,574 करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश किया है।