वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को आदेश दिया है कि वे ग्राहकों को पहले विकल्प के तौर पर सिर्फ रूपे कार्ड ही जारी करें। यही नहीं वित्त मंत्री ने बैंकों से सभी बैंक खातों को आधार कार्ड से जोड़ने को कहा है। इसके अलावा जहां जरूरी हो, वहां बैंक खातों को भी पैन कार्ड से लिंक किया जाए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसके लिए इस साल दिसंबर तक की टाइम लिमिट तय की है। बैंकों के काम को सराहते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि ‘भारतीय बैंकों ने जबरदस्त काम किया है, लेकिन वित्तीय इनक्लुशन अभियान खत्म नहीं हुआ है। मैं यह सुनने तक धीरज नहीं रखूंगी कि अभी भी ऐसे बैंक खाते मौजूद हैं, जो आधार और पैन कार्ड से जुड़े नहीं हैं।’

वित्त मंत्री ने कहा कि सिस्टम में किसी भी प्रकार का असत्यापित खाता नहीं होना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट करते हुए कहा कि यह समय सीमा अगले साल मार्च तक बढ़ाई जा सकती है। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की 73वीं वार्षिक आम बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में वितमंत्री सीतारमण ने कहा कि ‘यह सुनिश्चित कर लें कि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) एक ब्रांड इंडिया प्रोडक्ट बन सकता है। जब भी कोई कार्ड जारी करें, तो सबसे पहले रूपे कार्ड जारी करना होगा। रूपे ही एकमात्र कार्ड होना चाहिए जिसे आप बढ़ावा दें।’

डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री का कहना है कि बैंक को गैर-डिजिटल भुगतान को कम करना चाहिए और यूपीआई बैंको में एक प्रचलित शब्द होना चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकिंग सिस्टम में तकनीक को प्रमुखता से शामिल किया जाना चाहिए ताकि ग्राहकों को कोई समस्या न हो। उन्होंने कहा कि इससे ग्राहकों की सुरक्षा और सुविधा दोनों में इजाफा होगा। निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकिंग सिस्टम फूलप्रूफ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज के किसी भी वर्ग से आने वाले और कैसी भी आर्थिक पृष्ठभूमि वाले ग्राहक तक डिजिटल सेवाओं की पहुंच होनी चाहिए।

फौजियों से की बैंक कर्मचारियों की तुलना: वित्त मंत्री ने बैंकों को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें अपने कर्मचारियों के साथ ऐसा ही बर्ताव करना चाहिए, जैसे सेना में किया जाता है। उन्होंने कहा कि बैंक के सभी कर्मचारियों से एक परिवार की तरह व्यवहार होना चाहिए। भले ही वह सर्विस पर हो या फिर रिटायर्ड कर्मचारी हो।