एम्पलाइज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) संगठित क्षेत्र के लाखों कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा देता है। इसके जरिए सदस्यों को प्रॉविडेंट फंड, इंश्योरेंस और पेंशन जैसे लाभ मिलते हैं। ईपीएफओ एक सरकारी संगठन है। ये भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के दायरे में आता है और इसकी स्थापना 1952 में हुई थी। देश का सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा संगठन होने के नाते, यह मुख्य रूप से लोगों को रिटायरमेंट फंड के लिए बचत करने को बढ़ावा देता है। भारत में EPFO का होना बहुत जरूरी है क्योंकि ये लाखों लोगों को रिटायरमेंट के बाद या उससे पहले विशेष परिस्थितियों में मेंबर्स के परिजनों को वित्तीय सहायता देता है।
किसी भी कंपनी या ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले लोगों के बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12 फीसदी हिस्सा हर महीने पीएफ फंड में जमा होता है और इतना ही योगदान यानी कॉन्ट्रिब्यूशन कंपनी की ओर से पीएफ में जाता है। कर्मचारी के बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12 फीसदी हिस्सा हर महीने ईपीएफ अकाउंट में जाता है जबकि कंपनी का योगदान दो भागों में बटता है। जिसमें से 8.33 फीसदी हिस्सा एम्पलाइज पेंशन स्कीम (EPS) यानी पेंशन फंड में जमा होता है और 3.67 फीसदी हिस्सा एम्पलाइज प्रॉविडेंट फंड यानी ईपीएफ (EPF) में जाता है। आज हम एम्पलाइज पेंशन स्कीम के बारे में यहां समझेंगे।
क्या है एम्पलाइज पेंशन स्कीम?
एम्पलाइज पेंशन स्कीम एक पेंशन स्कीम है, जिसको मैनेज करने का काम ईपीएफओ (EPFO) का होता है। EPS को वर्ष 1995 में लॉन्च किया गया था। यह ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए है। इस योजना का लाभ तभी मिलेगा जब आपके नौकरी का कार्यकाल कम से कम 10 साल होगा। हालांकि यह पेंशन आपको 58 साल की उम्र पूरी होने के बाद मिलनी शुरू होगी। आइए जानते हैं कि ईपीएफओ के कौन सदस्य पेंशन स्कीम का लाभ पाने के लिए पात्र हो जाते हैं।
पेंशन स्कीम का लाभ पाने के लिए ये कर्मचारी होते हैं पात्र
एम्पलाइज पेंशन स्कीम के तहत पेंशन पाने के लिए कर्मचारी को कुछ मानदंडों को पूरा करना होता है जो इस प्रकार हैं
किसी भी कंपनी में काम कर रहे कर्मचारी को ईपीएफओ का सदस्य होना जरूरी है।
इस योजना का लाभ तभी मिलेगा जब आपके नौकरी का कार्यकाल कम से कम 10 साल होगा।
एम्पलाइज पेंशन स्कीम का लाभ पाने के लिए संगठित क्षेत्र के कर्मचारी को 58 साल की उम्र पूरी करनी होगी।
कर्मचारी 50 साल की उम्र से कम दर पर अपना ईपीएस यानी पेंशन रकम भी निकाल सकते हैं।
कंपनी के कर्मचारियों के रिटायर होने की उम्र 58 साल है। रिटायरमेंट की उम्र पूरी होने जाने के बाद कर्मचारी दो साल या 60 साल की उम्र तक पेंशन स्थगित कर सकते हैं। ऐसा करने के बाद उन्हें सालाना 4% की अतिरिक्त दर से पेंशन मिलेगी।
एम्पलाइज पेंशन स्कीम में योगदान देने वाले सदस्यों को इन भत्तों के माध्यम से लगातार आमदनी होती रहेगी।
ईपीएस 95 के तहत पेंशन के प्रकार
ईपीएफओ न्यूजलेटर के अनुसार, एम्पलाइज पेंशन स्कीम अप्रैल 2024 से जून 2024 तक कई प्रकार के पेंशन लाभ प्रदान करती है।
सुपरएन्युएशन पेंशन (Superannuation Pension)
सुपरएन्युएशन पेंशन अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल या उससे अधिक संगठित क्षेत्र में नौकरी की है और 58 साल की उम्र पूरी होने के बाद रिटायर होता है तो उसे सुपरएन्युएशन पेंशन का लाभ मिलेगा।
अर्ली पेंशन (Early Pension)
अगर कर्मचारी ने 10 साल या उससे अधिक समय तक नौकरी की है और 58 साल की उम्र पूरी करने से पहले रिटायरमेंट ले लेता है या फिर नौकरी में नहीं रहता है तो वह अर्ली पेंशन का हकदार होता है।
विकलांगता पेंशन (Disablement Pension)
ईपीएस 95 के तहत विकलांगता पेंशन उन सदस्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है जो अपनी सेवा के दौरान स्थायी रूप से और पूरी तरह से विकलांग हो जाते हैं।
विडो एंड चिल्ड्रेन पेंशन (Widow and Children Pension)
विडो एंड चिल्ड्रेन पेंशन यानी विधवा/विधुर पेंशन असमय मृत्यु हो जाने की स्थिति ईपीएफओ सदस्य के जीवनसाथी को वित्तीय सहायता सुनिश्चित करती है। यह लाभ जीवित जीवनसाथी को मंथली पेंशन के रुप में मिलती है, जिससे उन्हें अपने साथी को खोने के बाद अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में मदद मिल सकती है।
ईपीएस 95 के तहत चिल्ड्रेन पेंशन मृतक ईपीएफओ सदस्य के दो बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। हर बच्चा 25 साल की उम्र तक मंथली पेंशन के लिए हकदार होता है। इस चिल्ड्रेन पेंशन से बच्चों की शिक्षा और परवरिश में मदद मिल सकती है।
अनाथ पेंशन (Orphan Pension)
मृतक ईपीएफओ सदस्य के जीवनसाथी (पति या पत्नी) के भी जीवित न होने की स्थिति में बच्चों को अनाथ पेंशन के रूप में वित्तीय सहायता मिलेगी। इस मंथली पेंशन से अनाथ हो गए बच्चों की परवरिशन और शिक्षा में मदद मिलती है।
नॉमिनी पेंशन (Nominee Pension)
नॉमिनी पेंशन उन ईपीएफओ सदस्य द्वारा बनाए गए नॉमिनी को ये पेशन मिलती है। सदस्य की कोई जीवनसाथी या बच्चा न होने की स्थिति में ईपीएफओ सदस्य की मृत्यु होने पर उसके द्वारा बनाए गए नॉमिनी को ये पेंशन मिलती है। अगर ईपीएफओ सदस्य ने अपने माता और पिता को नॉमिनी बनाया है तो ऐसी स्थिति में तय हिस्से के हिसाब से पेंशन की रकम दोनों को मिलेगी। अगर उसने पिता या माता में से किसी एक को ही नॉमिनी बनाया है तो उसे पेंशन रकम मिलेगी।
आश्रित माता व पिता को पेंशन (Dependent Parent Pension)
अगर सदस्य की मृत्यु के समय कोई परिवार का सदस्य न रहा हो (पति/पत्नी, बच्चे) और उसने पेंशन के लिए किसी को नामित न किया हो तो ऐसी स्थिति में डिपेन्डेंट पेरेंट यानी आश्रित माता-पिता पेंशन के हकदार होंगे. ऐसी स्थिति में उन्हें यह पेंशन मिलेगी.
तमाम तरह की पेंशन अलग-अलग हालातों में ईपीएफओ मेंबर और उनके परिवारों को वित्तीय सुरक्षा देती है। इन पेंशन को हासिल करने के लिए ईपीएफओ मेंबर और विशेष परिस्थितियों में उनके परिवार के हकदार लोगों को दावा करना होता है। जिसके बारे में आगे डिटेल दी गई है।
पेंशन के लिए भरना होगा फॉर्म 10D
ईपीएफ खाते से पेंशन पाने के लिए फॉर्म 10D भरना पड़ता है। फॉर्म 10D कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा जारी किया गया एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसके माध्यम से कर्मचारी पेंशन योजना (EPS 95) के तहत मंथली पेंशन का दावा किया जा सकता है। यह फॉर्म पेंशन के मुख्य दावेदार द्वारा भरा जाता है. ईपीएफ मेंबर की मृत्यु हो जाने की स्थिति में उपरोक्त पेंशन का दावा करने के लिए परिवार के सदस्य, जैसे मृतक के पति/पत्नी, उनके बच्चे, आश्रित माता-पिता या नॉमिनी अप्लाई कर सकते हैं।
