EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के जो सदस्य कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत हायर पेंशन का लाभ उठाना चाहते हैं, उनके लिए राहत भरी खबर है। केंद्र सरकार ने ईपीएस के तहत हायर पेंशन के लिए आवेदन की डेडलाइन बढ़ा दी है। कर्मचारी अब 11 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। इससे पहले दो बार आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाई जा चुकी है।
जानिए कैसे करें आवेदन-
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के जो सदस्य कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो उन्हें सबसे पहले EPFO के पोर्टल पर लॉग इन करना होगा। यदि सदस्य उच्च पेंशन का विकल्प चुनना चाहता है, तो पोर्टल सदस्यों को ‘pension on higher salary’ संयुक्त विकल्प का प्रयोग’ की प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ने के लिए एक लिंक प्रदान करता है। इसके बाद आवेदक को अपना नाम, UAN नंबर, जन्म तिथि और आधार से जुड़े मोबाइल नंबर समेत जरूरी डेटा को भरना होगा।
सदस्य को नियोक्ता (Employer) से संयुक्त विकल्प अपलोड करना होगा। संयुक्त विकल्प के सत्यापन के बाद सदस्य को पिछले सभी रोजगारों के भविष्य निधि खाते का विवरण प्रदान करना जरूरी होगा। जबकि कुछ डेटा ईपीएफओ द्वारा स्वतः भरे जाते हैं, लेकिन यदि कोई सदस्य रोजगार के किसी अतिरिक्त स्थान के बारे में अधिक जानकारी जोड़ना चाहता है, तो वे विवरण भर सकते हैं। सदस्य को नए पीएफ स्टेटमेंट के बारे में भी विवरण देना होगा, जो साल 2022-23 के लिए होगा।
डेटा सबमिशन के बाद सदस्यों को एक एक्नॉलेजमेंट नंबर मिलता है। इसके बाद ईपीएफओ अधिकारी आवदेन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं। जिसके बाद सदस्यों को मांग पत्र भेजा जाता है। अब तक, सेवानिवृत्ति निधि निकाय ( Retirement Fund Body) द्वारा 1,000 से अधिक मांग पत्र जारी किए गए हैं। माना जाता है कि लगभग 30 नियोक्ता (Employers) संयुक्त विकल्प (Joint Option) को मान्य करने के लिए सहमत नहीं हैं, लेकिन ईपीएफओ ने इसका कारण नहीं बताया है।
चूंकि नियोक्ताओं के पास उच्च पेंशन के लिए संयुक्त विकल्पों की कार्रवाई के लिए कर्मचारियों के वेतन विवरण और रिकॉर्ड देने के लिए अधिक काम का बोझ है, इसलिए उन्हें 30 सितंबर तक तीन महीने का विस्तार प्रदान किया गया है। हालांकि, कर्मचारियों को उच्च पेंशन के आवेदन के लिए 11 जुलाई तक की तारीख निर्धारित की गई है।
ऑनलाइल कैलकुलेटर की सुविधा (Online calculator)-
ईपीएफओ ने अपने वास्तविक वेतन से जुड़ी हायर पेंशन प्राप्त करने के लिए अब भुगतान की जाने वाली आवश्यक राशि का अनुमान लगाने के लिए एक नया उपाय निकाला है। इसके लिए ईपीएफओ ने एक्सेल शीट के प्रारूप में एक ऑनलाइन कैलकुलेटर भी प्रदान किया है। यह सदस्यों के लिए उनकी बकाया राशि का आकलन करने का एक महत्वपूर्ण पहलू है। विशेष रूप से वे सदस्य जिन्होंने पहले अपने भविष्य निधि खाते पैसा निकाल लिया है। इस प्रकार, उनको अब सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन का लाभ उठाने के लिए शेष राशि जमा करने की आवश्यकता हो सकती है।
पेंशन रिफंड कैलकुलेटर (Pension Refund Calculator)-
एक्सेल शीट में, एक सदस्य अपने रोजगार की शुरुआत के बाद से मासिक वेतन डेटा डालकर अपनी पेंशन राशि का कैलकुलेशन कर सकता है।
भविष्य निधि की राशि कर्मचारी के वेतन से काट ली जाती है, जिसका अर्थ है मूल वेतन-महंगाई भत्ता और कर्मचारियों को ईपीएफओ और ईपीएस का सदस्य बनने के समय से अपने वेतन का डेटा देना होगा। एक्सेल शीट में सदस्य को ‘योगदान देय (Contributions Due)’ दिखाने वाला एक कॉलम होता है, जिसे ‘भुगतान किए गए योगदान (Contributions Paid)’ के दूसरे कॉलम के साथ तुलना करने पर शेष राशि का पता चलता है। बता दें, वित्तीय वर्ष 2022-23 के अंत तक बकाया का अनुमान देने के लिए शेष राशि ईपीएफओ की ऐतिहासिक वार्षिक ब्याज दरों से जुड़ी हुई है।
पेंशन निधि योगदान (Pension fund contribution)-
हर EPFO सदस्य के लिए दो खाते होते हैं, पहला कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और दूसरा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) जिसमें पेंशन की राशि डिपॉजिट की जाती है। कर्मचारी के बेसिक और DA से हर महीने 12 फीसदी राशि काटकर EPF में डाली जाती है। इतनी ही राशि नियोक्ता की तरफ से भी डिपॉजिट की जाती है, लेकिन यहां थोड़ा समझना जरूरी है, क्योंकि नियोक्ता का पूरा अंशदान EPF खाते में नहीं जाता है। नियोक्ता के 12 फीसदी में से 8.33 फीसदी रकम EPF खाते में जाती है, जबकि 3.67% रकम EPS खाते में डाली जाती है, लेकिन हायर पेंशन चुनने पर नियोक्ता के अंशदान में फेरबदल हो जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 4 नवंबर को एक फैसले में कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 में संशोधन को बरकरार रखा, जिससे उन कर्मचारियों को 8.33% तक योगदान करने का एक और मौका मिला, जो 1 सितंबर 2014 को मौजूदा ईपीएस सदस्य थे।
ईपीएस की शुरुआत के समय, अधिकतम पेंशन योग्य वेतन 5,000 रुपये प्रति माह था। बाद में इसे बढ़ाकर 6,500 रुपये और 1 सितंबर 2014 से 15,000 रुपये कर दिया गया। पेंशन योगदान वर्तमान में 15,000 रुपये का 8.33% है, यानी 1,250 रुपये। जब तक कि कर्मचारी और नियोक्ता ने पेंशन योग्य वेतन से अधिक वास्तविक मूल वेतन पर योगदान करने का विकल्प नहीं चुना है।