भारत सरकार ने देश में 100 स्मार्ट शहरों के निर्माण की योजना का एलान किया है। इसके बाद से हमारे देश में ‘स्मार्ट सिटीज’ की धारणा और स्वरूप पर बहस शुरू हो चुकी है। यह तो तय है कि वर्तमान भारत को ऐसे शहरों की जरूरत है जो भविष्य का ध्यान रखते हुए आधुनिक समय की जरूरतों पर खरा उतरे।

यह भी सच है कि यह योजना चंद दिनों के अंदर पूरी नहीं की जा सकती। शहरें विकास का इंजन हो सकती हैं। लेकिन इसके लिए शासन, वित्त और अन्य सेवाओं के ढांचे को बदलना होगा, सबसे आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करना होगा। अभी जो शहर हैं उन्हें आधुनिक बनाने के साथ नए हरित शहरों का विकास करना होगा।

स्मार्ट शहरों की योजना की जटिलताओं और इसके सामने आने वालीं चुनौतियों को समझने के लिए इंडियन एक्सप्रेस समूह ने चैनल न्यूज एक्स की साझेदारी में ‘डिजिटल इंडिया डायलॉग’ का आयोजन किया है। इस संवाद का मकसद है कि राजनेता, नौकरशाह, शिक्षाविद और कारपोरेट संस्थाएं एक मंच पर बैठें और सरकार की महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया के नौ आयामों पर अपने बेबाक विचारों को साझा करें।

मंगलवार 24 मार्च को नई दिल्ली के शांगरी ला होटल में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू होंगे। इस संवाद कार्यक्रमों में केंद्रीय मंत्रालय के आला अफसर, अर्थशास्त्री और कारपोरेट संस्थान के अगुआ शिरकत करेंगे।

कार्यक्रम में इंडियन एक्सप्रेस समूह और प्राइसवाटरहाउस कूपर्स वेंकैया नायडू को ‘कितने स्मार्ट हैं हमारे शहर’ पर अपनी साझा रिपोर्ट भी सौंपेंगे। यह स्मार्ट शहरों पर अपने तरह की पहली रिपोर्ट है। इसके साथ ही ‘स्मार्ट शहर : दीर्घकालिक और लचीले मॉडल’ विषय पर नायडू और गोयनका के बीच संवाद भी होगा।