आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे NBFC (गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) सेक्टर में कथित तौर पर हजारों करोड़ रुपए का एक और घोटाला सामने आया है। वेब पोर्टल ‘कोबरापोस्ट’ की एक रिपोर्ट में दीवान हाउसिंग फायनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (DHFL) के प्रमोटर्स द्वारा हजारों करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा करने का दावा किया गया है। रिपोर्ट की मानें तो DHFL के मालिकों ने फर्जी कंपनियों (शेल कंपनी) के जरिये 31,000 हजार करोड़ रुपए का फ्रॉड किया है। रिपोर्ट के सार्वजनिक होते ही DHFL के शेयर में 8 फीसद तक की गिरावट दर्ज की गई। बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने NBFC को लेकर बेहद सख्त प्रावधान कर दिए हैं। सरकार की ओर से लगातार नियमों में ढील देने का दबाव डाला जा रहा है।
इस तरीके से किया फर्जीवाड़ा: DHFL के प्रमोटर्स ने फर्जी कंपनियों के जरिये हजारों करोड़ रुपए का चूना लगाया है। कोबरापोस्ट की रिपोर्ट में कंपनी के प्रमोटर्स पर इस राशि से निजी संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया है। इसके अनुसार, DHFL ने पहले शेल कंपनियों को कर्जा दिया और बाद में यह राशि वापस फायनेंस कंपनी के प्रमोटर्स के पास आ गया। दरअसल, DHFL के प्रमोटर्स ही इन फर्जी कंपनियों के मालिकों में से हैं। इस तरीके से NBFC फर्म ने 31 हजार करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा किया। बताया जाता है कि हाउसिंग फायनेंस कंपनी के प्रमोटर्स ने इस राशि से भारत के अलावा दुबई, इंग्लैंड, मॉरिशस और श्रीलंका जैसे देशों में प्रॉपर्टी खरीदी। कपिल वाधवान, अरुणा वाधवान और धीरज वाधवान DHFL के प्रमोटर्स हैं।
DHFL के मालिकों ने बनाईं दर्जनों शेल कंपनियां: वेब पोर्टल की रिपोर्ट में DHFL के मालिकों द्वारा फर्जीवाड़ा करने के लिए दर्जनों शेल कंपनियां बनाने का दावा किया गया है। इसके अनुसार, इन मुखौटा कंपनियों को गठित कर उसे समूहों में बांट दिया गया। इनमें से कुछ कंपनियां तो एक ही पते से काम कर रही हैं। साथ ही इसे निदेशकों (डायरेक्टर्स) का एक ही ग्रुप संचालित भी कर रहा है। सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध दस्तावेज की छानबीन से पता चला कि हजारों करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े को गुप्त रखने के लिए शेल कंपनियों का ऑडिट भी ऑडिटर्स के एक ही समूह से कराया गया। कंपनी मामलों के मंत्रालय के समक्ष किसी भी तरह के शर्तों का उल्लेख किए बगैर इन कंपनियों में DHFL के 21,477 करोड़ रुपए का निवेश कर दिया गया।
8,795 करोड़ का नेट वर्थ और लोन लिया 96 हजार करोड़ रुपया: DHFL का कुल नेट वर्थ (कर्ज हटाकर कंपनी का कुल मूल्य) 8,795 करोड़ रुपए है। कोबरापोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके बावजूद कंपनी 96 हजार करोड़ रुपए का लोन लेने में सफल रही। DHFL ने इनमें से बैंकों से 37 हजार करोड़ रुपए का लोन ले रखा है। SBI से सबसे ज्यादा 11,500 करोड़ रुपए का लोन लिया गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी DHFL को 5 हजार करोड़ रुपए का लोन दिया है।
बीजेपी को दिया 20 करोड़ का चंदा: ‘कोबरापोस्ट’ की रिपेार्ट के अनुसार, DHFL ने बीजेपी को 20 करोड़ रुपए का चंदा भी दिया था। हालांकि, कंपनी ने इसका कभी खुलासा नहीं किया और न ही इसको औपचारिक रूप से कहीं दर्शाया।
