देश में बैंक सुरक्षा में सेंधमारी की अब तक की सबसे बड़ी घटना के बीच सरकार ने शुक्रवार (21 अक्टूबर) लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है और मामले में त्वरित कार्रवाई की जाएगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रिजर्व बैंक तथा बैंकों से इस मामले में रिपोर्ट देने को कहा है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने कहा है कि चुराए गए डेबिट कार्ड डाटा का उपयोग करते हुए 19 बैंकों से संबद्ध 641 ग्राहकों को कुल मिलाकर 1.3 करोड़ रुपए का चुना लगाया गया है। सरकार ने रिजर्व बैंक तथा बैंकों से डाटा में सेंध तथा साइबर अपराध से निपटने के लिए तैयारी के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है।

जेटली ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘डेबिट कार्ड मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी है। इसके पीछे विचार नुकसान को थामना है।’ आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि सभी पहलुओं पर रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘घबराने का कोई कारण नहीं है। बैंक की आईटी प्रणाली मजबूत है और जो भी कार्रवाई की जरूरत होगी, सरकार प्रमुखता से कदम उठाएगी।’ दास ने कहा कि सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है और रिजर्व बैंक तथा बैंकों से इस बारे में जानकारी मांगी है कि आखिर वास्तव में क्या हुआ है। उन्होंने कहा कि शुरूआती जानकारी आयी है और सरकार को अंतिम रिपोर्ट की प्रतीक्षा है।

दास ने कहा, ‘रिपोर्ट मिलने के बाद जो भी कार्रवाई की जरूरत होगी, सरकार करेगी।’ जर्मन सरकार के एक कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में दास ने कहा, ‘‘ग्राहकों को घबराना नहीं चाहिए क्योंकि यह हैकिंग कंप्यूटर के जरिए की गयी और इसकी तह तक आसानी से जाया जा सकता है…जो भी कार्रवाई की जरूरत होगी, वह त्वरित की जाएगी।’ जो डेबिट कार्ड प्रभावित हुए हैं, उसमें करीब 26.5 लाख वीजा मास्टर कार्ड हैं जबकि 6,00,000 रूपे कार्ड हैं। सेंधमारी कथित रूप से 90 एटीएम से संबंधित है।

इस बीच, वीजा और मास्टर कार्ड ने अलग-अलग बयानों में कहा कि उनके नेटवर्क में कोई सेंध नहीं लगी है। वहीं कुछ एटीएम नेटवर्क प्रसंस्करण का प्रबंधन करने वाली हिताची की अनुषंगी हिताची पेमेंट सर्विसेज मामले की जांच कर रही है। जांच में यह भी शामिल है कि क्या यह मालवेयर की समस्या थी। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक तथा बैंक की रिपोर्ट के आधार पर सरकार को पता चलेगा कि वास्तव में हुआ क्या है। उन्होंने कहा, ‘जैसा कि आपको पता है कि साइबर दुनिया में अपराध होगा और हमारा प्रयास उसे पता लगाना होगा। उसका समाधान करना तथा कहां से आया, उसका पता लगाना है। सरकार निश्चित रूप से इस पर काम करेगी।’

दास ने कहा कि साइबर सुरक्षा महत्वपूर्ण मुद्दा है और चार महीने पहले रिजर्व बैंक बोर्ड में साइबर सुरक्षा पर विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि बैंकों को साबइर सुरक्षा तथा उनकी प्रणाली की सुरक्षा के लिये व्यवस्था मजबूत करने का निर्देश देने को कहा गया है। बैंकों ने इस संदर्भ में कई कदम उठाए हैं। दास ने कहा कि वित्तीय स्थिरता के लिहाज से भी यह मुद्दा महत्वपूर्ण है। भारतीय स्टेट बैंक सहित अनेक बैंकों ने बड़ी संख्या में डेबिट कार्ड वापस मंगवाए हैं जबकि कई अन्य बैंकों ने सुरक्षा सेंध से संभवत: प्रभावित एटीएम कार्डों पर रोक लगा दी है और ग्राहकों से कहा है कि वे इनके इस्तेमाल से पहले पिन अनिवार्य रूप से बदलें।

इस समय देश में लगभग 60 करोड़ डेबिट कार्ड हैं जिनमें 19 करोड़ तो रूपे कार्ड हैं जबकि बाकी वीजा और मास्टरकार्ड हैं। अब तक 19 बैंकों ने धोखाधड़ी से पैसे निकालने की सूचना दी है। कुछ बैंकों को यह भी शिकायत मिली है कि कुछ एटीएम कार्ड का चीन व अमेरिका सहित अनेक देशों में धोखे से इस्तेमाल किया जा रहा है जबकि ग्राहक भारत में ही हैं। ऐसा समझा जाता है कि एसबीआई ने लगभग छह लाख कार्ड वापस मंगवाए हैं।
वहीं बैंक आफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक, सेंट्रल बैंक व आंध्रा बैंक ने एहतियाती कदम के रूप में डेबिट कार्ड बदले हैं।

इसी तरह आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और यस बैंक जैसे निजी क्षेत्र के बैंकों ने अपने ग्राहकों से एटीएम पिन बदलने को कहा है। एचडीएफसी बैंक ने अपने ग्राहकों को यह भी सलाह दी है कि वे किसी भी लेनदेन के लिए स्वयं अपना एटीएम कार्ड इस्तेमाल करें। यह सुरक्षा चूक हिताची पेमेंट्स सर्विसेज की प्रणाली में एक मालवेयर के जरिए हुई है। यह कंपनी यस बैंक को सेवा देती है।