केंद्र सरकार ने COVID-19 महामारी के समय महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) की तीन किस्तों को रोक दिया था। सरकार ने इसके लिए गंभीर आर्थिक व्यवधान और सार्वजनिक वित्त पर दबाव कम करने की जरूरत का हवाला दिया था। कोविड-19 के दौरान केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को रोके गए डीए एरियर्स को रिलीज करने को लेकर सांसद आनंद भदौरिया ने सवाल पूछा है। मोदी सरकार की तरफ से 11 अगस्त, 2025 को लोकसभा में इस सवाल पर आधिकारिक तौर पर जवाब दिया है।
फ्रीज DA को रिलीज करने पर सरकार का रुख
सवाल: क्या COVID-19 के दौरान केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 18 महीने के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत को रोकने का फैसला आर्थिक व्यवधान और सरकारी वित्त पर दबाव कम करने के लिए लिया गया था?
जवाब: सरकार ने संसद में इस पर जवाब देते हुए कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को 1 जनवरी, 2020, 1 जुलाई, 2020 और 1 जनवरी, 2021 से देय महंगाई भत्ते (डीए)/महंगाई राहत (डीआर) की तीन किस्तों को रोकने का फैसला आर्थिक व्यवधान पैदा करने वाले कोविड-19 के संदर्भ में लिया गया था, ताकि सरकारी वित्त पर दबाव कम किया जा सके।
सवाल: क्या सरकार की वित्तीय स्थिति अभी भी दबाव में है और दिवालिया होने की कगार पर है; यदि हां, तो उसका ब्यौरा क्या है और देश की मजबूत राजकोषीय स्थिति को उस स्तर तक बनाए रखने में सरकार की विफलता के कारण क्या हैं जो उसे 2014 में विरासत में मिली थी।
जवाब:“भारत सरकार का राजकोषीय घाटा वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष) 2020-21 में 9.2 प्रतिशत से कम होकर वित्त वर्ष 2025-26 (बजट अनुमान) में 4.4 प्रतिशत हो गया है।”
सवाल: सरकार 18 महीने का DA/DR का बकाया कब तक जारी करेगी?
जवाब:2020 में महामारी के प्रतिकूल वित्तीय प्रभाव और सरकार द्वारा उठाए गए कल्याणकारी उपायों के वित्तपोषण के कारण वित्तीय वर्ष 2020-21 से आगे का राजकोषीय प्रभाव पड़ा। इसलिए, डीए/डीआर का बकाया संभव नहीं माना गया।
क्या होता है महंगाई भत्ता (What is Dearness Allowance?)
महंगाई भत्ता (डीए) मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम करने में मदद करने के लिए सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को भुगतान किया जाने वाला एक जीवन-यापन समायोजन (cost-of-living adjustment) है।
महंगाई राहत (डीआर) सरकारी पेंशनभोगियों को बढ़ती कीमतों से निपटने में मदद करने के लिए दिया जाने वाला एक भत्ता है, जो कामकाजी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) के समान है।