भारत को जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी मिलने वाली है। इसको लेकर भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने अपनी योजना का खुलासा किया है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबि शंकर ने गुरुवार को कहा कि रिजर्व बैंक फेसवाइज तरीके से डिजिटल करेंसी पेश करने की योजना बना रहा है। सबसे पहले डिजिटल करेंसी को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया जाएगा।
देश में डिजिटल करेंसी को लेकर लंबे समय से तैयारी चल रही है। आरबीआई भी काफी समय से डिजिटल करेंसी लाने की बात कर रहा है। इसको लेकर कई बार संकेत दिए जा चुके हैं। दुनिया के कई अन्य देश भी डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी कर रहे हैं। आज हम आपको डिजिटल करेंसी के बारे वह सबकुछ बताने जा रहे हैं जो आप जानना चाहते हैं। साथ ही हम आपको डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर भी बताएंगे..
क्या होती है डिजिटल करेंसी?: यह एक प्रकार से प्रचलित करेंसी का वर्चुअल रूप होता है। इसको केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) भी कहा जाता है। डिजिटल करेंसी को केवल केंद्रीय बैंक जारी करता है। इसे सरकार की मान्यता प्राप्त होती है। फिजिकल करेंसी के मुकाबले इसकी वैल्यू में कोई अंतर नहीं होता है। उदाहरण के लिए 10 रुपए के नोट और 10 रुपए की डिजिटल करेंसी की वैल्यू बराबर होगी। डिजिटल करेंसी में बिना किसी रुकावट लेन-देन भी किया जा सकता है।
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?: क्रिप्टोकरेंसी एक अलग प्रकार की करेंसी होती है। यह अलग-अलग प्रकार की होती है। इसे वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है। सभी क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू अलग-अलग होती है और इसकी कीमतों में उतार चढ़ाव होता रहता है। क्रिप्टोकरेंसी मान्यता प्राप्त नहीं है। पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी का चलन बढ़ा है। इस समय पूरी दुनिया में करीब 4 हजार क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं। इसमें बिटकॉइन सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है। भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी का चलन तेजी से बढ़ा है।
डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में प्रमुख अंतर
- डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक जारी करता है। क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के जरिए तैयार की जाती है।
- डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक और उस देश की सरकार से मान्यता प्राप्त होती है। क्रिप्टोकरेंसी के पास केंद्रीय बैंक या सरकार की मान्यता नहीं होती है।
- डिजिटल करेंसी की वैल्यू स्थिर रहती है। क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू में बहुत उतार-चढ़ाव होता है।
- डिजिटल करेंसी को संबंधित देश की मुद्रा में बदला जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी में ऐसा नहीं हो पाता है।
अंतरमंत्रालीय समिति ने की थी डिजिटल करेंसी की सिफारिश: वित्त मंत्रालय ने 2017 में एक उच्च स्तरीय अंतरमंत्रालयी समिति की सिफारिश की थी। इस समिति को वर्चुअल या क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी पॉलिसी और कानूनी फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए कहा गया था। इस समिति ने देश में फिजिकल करेंसी की तरह डिजिटल करेंसी लाने की सिफारिश की थी।