रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध का असर अब अन्‍य देशों में भी दिखने लगा है। कच्‍चे तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, इसी बीच संयुक्‍त राज अमेरिका ने रूसी तेलों और ऊर्जा आयत के चीजों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिस कारण से कई अन्‍य देशों में इन तेलों की सप्‍लाई रूक गई है। वहीं रूसी तेलों पर प्रतिबंध लगने के बाद कच्‍चे तेल का दाम 3 फीसद चढ़कर 132 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच चुका है।

बुधवार से पहले मंगलवार को भी 4 फीसद की बढ़ोतरी हुई थी। हालाकि इससे पहले सोमवार को 139.13 डॉलर के शिखर पर कच्‍चे तेल की कीमत पहुंच गई थी। एसपीआई एसेट मैनेजमेंट के मैनेजिंग पार्टनर स्टीफन इनेस ने रॉयटर्स को बताया कि स्वाभाविक रूप से तेल की कीमते में उछाल होगा। यह 100 डॉलर प्रति बैरल से 150 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने की संभावना है।

मंगलवार को कच्‍चा तेल बढ़कर 131.27 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जो 127.98 डॉलर प्रति बैरल में 3.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। जबकि यूएस क्रूड फ्यूचर्स 3.6 फीसदी की वृद्धि के साथ 123.70 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।

भारत पर क्‍या होगा असर
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष कमोडिटीज राहुल कलंत्री ने कहा कि रूसी तेल और गैस आयात पर अमेरिकी प्रतिबंध के बाद कच्चे तेल ने मंगलवार को बहुत अधिक अस्थिरता दिखाई। रूस वैश्विक बाजारों में कच्चे और ईंधन के प्रति दिन 7-8 मिलियन बैरल का निर्यात करता है, और रूसी तेल और गैस पर प्रतिबंध लगाने से पहले से ही आपूर्ति की कमी पैदा हो सकती है। संभावना है कि यूएस ईआईए साप्ताहिक इन्वेंट्री रिपोर्ट से पहले आज के सत्र में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।

पेट्रोल-डीजल के दामों पर हो सकता है असर
कच्‍चे तेल के दाम बढ़ने से पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी देखी जा सकती है। वहीं आने वाले समय में और भी बढ़ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसका असर, अगले महीने से हो सकता है। आज पेट्रोल ओर डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। देश की राजधानी दिल्ली में 9 मार्च 2022 को भी पेट्रोल 95.41 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल 86.67 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर है।

30 फीसद की बढ़ोतरी
24 फरवरी को रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, और अमेरिका और अन्य देशों ने प्रतिबंध लगाया है। अमेरिका में मुख्य निवेश अधिकारी सोलिता मार्सेली ने रॉयटर्स को बताया कि पिछले एक सप्ताह में तेल की कीमतों में वृद्धि – 30 वर्षों में दूसरी सबसे बड़ी छलांग पर पहुंचने की संभावना है।