भले ही देश में इकोनॉमिकल आंकड़े बेहतर ना द‍िखाई दे रहे हों, लेकिन विदेशी दौलत के मामले में भारत लगातार ग्रो कर रहा है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। जिसके बाद भारत ने विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में दुनिया में स्‍थ‍िति को और भी मजबूत कर लिया है। मौजूदा समय में भारत विदेशी दौलत के मामले में चौथे स्‍थान पर है। करीब एक माह पहले उसने रूस को पछाड़कर यह मुकाम हासिल किया है।

आंकड़ों के अनुसार देश का विदेशी मुद्रा भंडर 610 अरब डॉलर के पार चला गया है। यह आंकड़ा 2 जुलाई 2021 को समाप्‍त हुए सप्‍ताह का है। जिसमें 1 अरब डॉलर से ज्‍यादा का इजाफा देखने को मिला है। इस दौरान विदेशी परिसंपत्ति और गोल्‍ड रिजर्व में भी इजाफा देखने को मिला है। आइए आपको भी बताते हैं कि आख‍िर किस तरह के आंकड़े सामने आए हैं।

विदेशी मुद्रा भंडर में इजाफा : देश के विदेशी मुद्रा भंडार में दो जुलाई को समाप्‍त हुए सप्‍ताह में 1.013 अरब डॉलर का इजाफा होकर 610.012 अरब डॉलर की रि‍कॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। जबकि 25 जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 5.066 अरब डॉलर बढ़कर 608.999 अरब डॉलर हो गया था। मौजूदा समय में भारत विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में दुनिया में चौथे पायदान है।

विदेशी मुद्रा संपत्‍ति‍यों में भी इजाफा : आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफे के कारण विदेशी मुद्रा संपत्तियों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। जो समग्र भंडार का प्रमुख घटक है। इस दौरान एफसीए 74.8 करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ है और कुल 566.988 अरब डॉलर हो गया। वहीं डॉलर के लिहाज से बताई जाने वाली विदेशी मुद्रा संपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है।

गोल्‍ड रिजर्व में भी हुआ इजाफा : इस दौरान गोल्‍ड रिजर्व में भी इजाफा देखने को मिला है। आंकड़ों के अनुसार गोल्‍ड रिजर्व में 7.6 करोड़ डॉलर का इजाफा देखने को मिला है। जिसके बाद आरबीआई के पास गोल्‍ड रिजर्व 36.372 अरब डॉलर हो गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पास मौजूद विशेष आहरण अधिकार यानी एसडीआर की बात करें तो 4.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 1.548 अरब डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक के अनुसार आलोच्य सप्ताह के दौरान आईएमएफ के पास मौजूद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 13.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.105 अरब डॉलर हो गया।