देश कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है। इस संकट काल में देश के बड़े-बड़े कारोबारियों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। इनमें से एक जिंदल परिवार भी है। बड़े कारोबारी परिवार के तौर पर पहचान बना चुकी जिंदल फैमिली में नवीन और सज्जन जिंदल अपने-अपने स्तर पर मदद कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि आखिर जिंदल परिवार के कारोबारी साम्राज्य की बागडोर किसके हाथों में है..
सावित्री जिंदल के हाथों में बागडोरः देश की दिग्गज स्टील कंपनी जिंदल ग्रुप की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल हैं। उनका जिंदल समूह स्टील, पावर, सीमेंट और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम करता है। जिंदल ग्रुप की स्थापना सावित्री जिंदल के पति ओमप्रकाश जिंदल ने की थी। जिंदल समूह के संस्थापक ओमप्रकाश जिंदल का 2005 में एक हवाई दुर्घटना में निधन हो गया था।
सावित्री जिंदल के चार बेटे- पृथ्वीराज जिंदल, सज्जन जिंदल, रतन जिंदल और नवीन जिंदल हैं। परिवार के सबसे बड़े भाई पृथ्वीराज और तीसरे नंबर के भाई रतन जिंदल अक्सर मीडिया से दूर रहते हैं। दूसरी तरफ नवीन और सज्जन जिंदल की खबरें अक्सर मीडिया में चर्चा का विषय बनी रहती हैं। सज्जन जिंदल JSW ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। वहीं नवीन Jindal Steel & Power Ltd के चैयरमेन हैं। (ये पढ़ें-मुकेश अंबानी से ज्यादा है इन दो भाइयों की सैलरी, रिलायंस में मिली है बड़ी जिम्मेदारी)
राजनीति में भी काफी सक्रिय: जिंदल परिवार हरियाणा की राजनीति में भी काफी सक्रिय रहा है। सावित्री जिंदल के पति ओम प्रकाश जिंदल हिसार विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर लगातार तीन बार चुनाव जीते। ओम प्रकाश जिंदल के निधन के बाद सावित्री जिंदल ने हिसार से विधानसभा उपचुनाव लड़ा और हरियाणा सरकार में मंत्री बन गईं।
सावित्री जिंदल ने भूपेंद्र हुड्डा की हरियाणा सरकार में कई अहम मंत्रालय संभाले। सावित्री जिंदल के सबसे छोटे बेटे नवीन जिंदल हरियाणा की कुरुक्षेत्र लोकसभा से 2004 और 2009 में लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। (ये पढ़ें-कर्ज देती थी अनिल अंबानी की ये दो कंपनियां, फिर कारोबार समेटने की आ गई नौबत)
संपत्ति के मामले में सावित्री जिंदल से आगे गिने-चुने भारतीय अरबपति हैं। सावित्री जिंदल की गिनती दुनिया के दिग्गज कारोबारियों में होती है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स की रियल टाइम नेटवर्थ रैंकिंग पर गौर करें तो सावित्री जिंदल 219वें पायदान पर हैं। सावित्री जिंदल की कुल संपत्ति 10.8 बिलियन डॉलर आंकी गई है।
