खस्ताहाल अर्थव्यवस्था का असर लोढ़ा ग्रुप के फाउंडर और बीजेपी विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा समेत कई रियल्टी सेक्टर के दिग्गजों पर दिखने लगा है। दिग्गज भारतीय बिजनसमैन अजय पीरामल और पलोंजी मिस्त्री भी इससे अछूते नहीं हैं। अजय पीरामल पीरामल एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष हैं जबकि पलोंजी मिस्त्री शापूर्जी पल्लोंजी समूह के संस्थापक।

पीरामल और मिस्त्री द्वारा चलाए जा रहे समूह में कुछ कंपनियों की रेटिंग में कटौती हुई है क्योंकि रियल्टी सेक्टर के कारोबार का माहौल पिछले कुछ समय में खराब रहा है। रेटिंग कंपनियों ने इन दिग्गज कंपनियों की रेटिंग जारी कर इनके धंधे पर संकट की आशंकी जताई है। देश के सबसे अमीर बिल्डर मंगल प्रभात लोढ़ा द्वारा नियंत्रित कंपनियों की भी रेटिंग में भी गिरावट दर्ज की गई है। कंपनी ने उनकी कंपनियों द्वारा ऋण चुकाने की क्षमताओं पर संदेह जताया है। सेंट्रम इंफ्रास्ट्रक्चर एडवाइजरी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संदीप उपाध्याय ने दिग्गजों के धंधे पर मंडराते संकट पर कहा है कि ‘दिग्गजों के रियल स्टेट से जुड़ी कंपनियों की खराब रेटिंग और क्रेडिट से दुरगामी प्रभाव देखने को मिलेंगे।’

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक खबर के मुताबिक रियल्टी सेक्टर का कमजोर प्रदर्शन और नकदी की कमी रियल स्टेट से जुड़ी कंपनियों की खराब रेटिंग की दो बड़ी वजह मानी जा रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले कुछ सालों से 7-8 फीसदी से कम रही है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस और फिच रेटिंग्स ने हाल में बीजेपी विधायक की रियल स्टेट की दिग्गज कंपनी मैक्रोटेक डेवलपर्स की रेटिंग को गिरा दिया था। रेटिंग एजेंसी ने इसके लिए कंपनी में जारी नकदी के संकट को वजह बताया था।

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वहीं पिरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड और पिरामल रियल्टी लिमिटेड की रेटिंग में भी पिछले महीने गिरावट दर्ज की गई थी। रेटिंग एजेंसी ने इसके लिए इन कंपनियों में फंडिंग चुनौतियों का हवाला दिया था। वहीं केयर रेटिंग्स और ICRA ने शापूर्जी पल्लोंजी एंड कॉर्पोरेशन की रेटिंग पिछले 12 महीनों में दो बार गिरा जा चुकी है। एजेंसी ने इसके लिए बिक्री में कमी और रियल्टी सेक्टर के कमजोर प्रदर्शन को प्रमुख कारणों के रूप में उद्धृत किया था।