केंद्र सरकार की तरफ से प्रोपर्टी की लेन-देन में होने वाले भेदभाव को रोकने के लिए रीयल एस्टेट एक्ट (RERA) में एक नई धारा जोड़ी जाने वाली है। इससे बिल्डर अपनी जमीन बेचते वक्त खरीददार के धर्म, वैवाहिक स्थिति और खाने-पीने की आदत को ध्यान में रखकर भेदभाव नहीं कर पाएगा।
यह बिल उन लोगों के काम आएगा जिनके साथ धर्म, जाति, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव होता आया है। जैसे ही इसकी इजाजत मिल जाएगी इसको लागू कर दिया जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक, मार्च में कांग्रेस की सांसद कुमारी सैलजा और राजीव गौड़ा ने इस बदलाव की मांग की थी। यह मांग The Real Estate (Regulation and Development) Act, 2016 (RERA) के पास करवाए जाने के दौरान ही की गई थीं।
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भारत में इस तरीके का बदलाव पहली बार लाया जा रहा है जबकि यूएस में ऐसा पिछले 50 सालों से हो रहा है। वहां पर रंग के आधार पर भेदभाव होता है। मई 2016 में यूएन की एक संस्था ने भारत में आकर रिसर्च की थी। इसमें पता लगा था कि भारत में मुस्लिम लोगों को दिल्ली, नोएडा और गुड़गांव जैसे इलाकों में घर लेने में मुश्किल होती है।
क्या होगी सजा: इस नियम का पालन ना करने वाले को 3 साल की सजा या फिर जुर्माना देना होगा। जुर्माना कितना होगा ? यह फिलहाल तय नहीं किया गया है।