चीनी हैकर्स ने दुनिया की 100 से ज्यादा दिग्गज कंपनियों में घुसपैठ की है और उनके डाटा का इस्तेमाल ड्रैगन रणनीति बनाने के लिए कर रहा है। अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने यह बात कही है। इसके पीछे चीनी हैकर्स का उद्देश्य खुफिया चोरी, नेटवर्क हाईजैकिंग और विक्टिम को धमकी देकर जानकारी लेना था। बुधवार को अमेरिकी सरकार ने तीन अनसील्ड अभियोगों में आरोप लगाया कि चीन इस साइबर अटैक के जरिए अपनी अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचाने और ग्लोबल सुपरपावर बनने की कोशिश कर रहा है। डिप्टी अटार्नी जनरल जैफरे ए रोशेन ने कहा चीन जानबूझकर दुनियाभर में कंप्यूटर अतिक्रमण और साइबर अटैक करवा रहा है। हैकर्स चीन से मिले हुए हैं और उसकी सहायता कर रहे हैं।

डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया के लिए यूएसए अटॉर्नी मिचेल आर सेरविन ने कहा इन अपराधियों का चीन के साथ लिंक है और इन्हें दुनियाभर में हैकिंग और चोरियां करने के लिए इन्हें चीन से फ्री लाइसेंस मिला हुआ है। आरोपों के अनुसार झेंग हाओरान, तेन डाइलिन, झिआंग लिझी, किआन चुआन,फू किआंग जैसी कई कंपनियों ने सोशल मीडिया, टेक्नोलॉजी कंपनी, यूनिवर्सिटी, गवर्नमेंट एजेंसी आदि को टारगेट किया है। इनकी इतनी पहुंच इसलिए है क्योंकि ये सप्लाई चैन अटैक का उपयोग करते हैं, जिसके माध्यम से ये सॉफ्टवेयर कंपनियों में चोरी करते हैं और उनके प्रोडक्ट में मेलेशियस कोड लगा देते हैं। एक बार प्रोडक्ट दूसरे सिस्टम में अपलोड होते ही हैकर उस कोड का उपयोग करते हैं जिसे उन्होंने ब्रेक करने के लिए लगाया था।

यह भी कहा गया है इन हैकर्स ने मलेशियाई लोगों के साथ मिलकर वीडियो गेम इंडस्ट्री के जरिए भी चोरी की है और इलीगल प्रोसीड्स की है। इस सिलसिले में दो उद्योगपति वोंग ओंग हुवा, लिंग यांग चिंग को सोमवार को मलेशिया में गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कंप्यूटर एक्टिविटी और हैकर स्कोर साइबर रिसर्च द्वारा एडवांस परसिस्टेंट थ्रेट 41, बेरियम, विन्टी, विक्ड पांडा, पांडा स्पाइडर जैसे ग्रुप नाम में ट्रैक किए हैं। साइबर सिक्योरिटी कंपनी मेडिएंट में थ्रेट इंटेलिजेंस के सीनियर डायरेक्टर जॉन हुल्टक्विस्ट ने कहा मैलवेयर फैलाने के लिए इन्होंने वीडियो गेम डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ समझौता किया था ताकि बाद में इनका फॉलोअप ऑपरेशन में उपयोग किया जा सके।

कैलिफोर्निया साइबर सिक्योरिटी फर्म क्राउडस्ट्राइक के रिसर्चर्स ने विक्ड स्पाइडर नाम के ग्रुप का पता लगाया है जो प्रॉफिट के लिए हैकिंग कर रहा था। इसकी शुरुआत 2015 में हुई थी। ग्रुप जो मुख्य रूप से गेम कंपनियों को टारगेट कर रहा था उसने अमेरिका, जर्मनी, हांगकांग,ताइवान और साउथ कोरिया की कृषि, हॉस्पिटैलिटी, केमिकल्स, मैन्युफैक्चरिंग, टेक्नोलॉजी की इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी पर अटैक करना शुरू कर दिया जो चीन के पंचवर्षीय टॉप लेवल पॉलिसी ब्लूप्रिंट में मदद करेगा। उन्होंने अपनी टेक्निक भी बदल दी। पहले वह सभी अटैक पर लगभग एक मेलवेयर का प्रयोग करते थे परंतु पिछले कुछ वर्षों में हैकर्स ने सप्लाई चैन अटैक का इस्तेमाल शुरू कर दिया। वेरिजोन, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक, गूगल और अल्फाबेट ने इन्वेस्टिगेशन में सरकार की मदद की है।