नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच चलने वाली मेट्रो में चीन में निर्मित कोच होंगे। इस रूट पर चलने वाले 76 मेट्रो कोच मुहैया कराने के लिए गुरुवार को डीएमआरसी और चीन की सीआरआरसी नानजिंग कारपोरेशन लिमिटेड के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। 29 किलोमीटर लंबे नोएडा-ग्रेटर नोएडा ट्रैक पर 19 मेट्रो ट्रेन संचालित होंगी।
हर ट्रेन में चार कोच होंगे। डीएमआरसी अफसरों के मुताबिक, चीन की कंपनी को अधिकतम 76 हफ्ते के भीतर इनकी आपूर्ति करनी है। बता दें कि ढाई महीने पहले कोच सप्लाई करने के टेंडर में दो भारतीय और एक चीन की कंपनी ने निविदा डाली थी। चीन की कंपनी ने सबसे कम चार करोड़ रुपए में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा वाले कोच की पेशकश की थी। कोच के माडल को नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन की तरफ से पहले ही मंजूरी प्रदान की जा चुकी है।
अफसरों के मुताबिक, पहले नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच 3 कोच की मेट्रो चलाने की योजना थी। डीएमआरसी के सर्वे के बाद कोचों की संख्या 3 से बढ़ाकर 4 की गई है। शुरुआती चरण में नोएडा से ग्रेटर नोएडा के बीच 10 मिनट के अंतराल पर मेट्रो ट्रेन संचालित होंगी। अलबत्ता पीक आवर्स (सुबह और शाम) के समय 5 मिनट के अंतराल पर चलाया जाएगा। एक कोच में 370 मुसाफिर बैठ सकेंगे। 4 कोच वाली मेट्रो एक बार में 1500 मुसाफिरों को सफर कराएगी।
इस रूट पर मुसाफिरों की संख्या बढ़ाने पर 6 कोच वाली मेट्रो चलाने की भी योजना है। 2021 तक मेट्रो इस्तेमाल करने वाले मुसाफिरों की संख्या के आधार पर 76 कोच मंगाए जा रहे हैं। बता दें कि 5533 करोड़ रुपए की लागत से नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो का निर्माण किया जा रहा है। 2017 से इस रूट पर मेट्रो का संचालन प्रस्तावित है। नोएडा का सेक्टर- 71 इस रूट का पहला, जबकि ग्रेटर नोएडा का बोड़ाकी आखिरी मेट्रो स्टेशन होगा।
