कोरोना संकट के चलते एक तरफ भारत समेत दुनिया की तमाम अर्थव्यवस्थाएं मंदी के दौर में हैं तो इस वायरस का केंद्र रहे चीन की विकास दर लगातार बड़ रही है। जुलाई के बाद अब अगस्त में भी चीन के निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यही नहीं एक तरफ उसका एक्सपोर्ट बढ़ा है तो दूसरी तरफ इंपोर्ट में कमी आई है। ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अब कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव से उबरने लगी है। सीमा शुल्क विभाग के आंकड़ों के अनुसार अगस्त में चीन का निर्यात पिछले साल के समान महीने की तुलना में 9.5 प्रतिशत बढ़कर 235.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया। जुलाई में चीन का निर्यात 7.2 प्रतिशत बढ़ा था।

वहीं अगस्त महीने में चीन का आयात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 2.1 प्रतिशत घटकर 176.3 अरब डॉलर रह गया। जुलाई में भी चीन का आयात 1.4 प्रतिशत घटा था। दुनिया के अन्य देशों की तुलना में चीन की अर्थव्यवस्था जल्दी खुल गई है, जिसका देश के निर्यातकों को लाभ हो रहा है। वहीं चीन के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी देश अब भी महामारी नियंत्रण के उपाय लागू करने में ही जुटे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा शुल्क वृद्धि को लागू किए जाने के बावजून अगस्त में अमेरिका को चीन का निर्यात 20 प्रतिशत बढ़कर 44.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस दौरान अमेरिका से चीन का आयात दो प्रतिशत बढ़कर 10.5 अरब डॉलर रहा।

इस बीच भारत में आर्थिक संकट के और गहराने की आशंका जताते हुए आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि जीडीपी में इतनी बड़ी गिरावट हम सभी के लिए चेतावनी है। उन्होंने कहा कि नौकरशाही को अब आत्मसंतोष से बाहर निकलकर कुछ अर्थपूर्ण कार्रवाई करनी होगी। राजन ने कहा कि मौजूदा संकट के दौरान एक अधिक विचारवान और सक्रिय सरकार की जरूरत है।

राजन ने कहा, ‘दुर्भाग्य से शुरुआत में जो गतिविधियां एकदम तेजी से बढ़ी थीं, अब फिर ठंडी पड़ गई हैं।’ राजन ने अपने लिंक्डइन पेज पर पोस्ट में लिखा है, ‘आर्थिक वृद्धि में इतनी बड़ी गिरावट हम सभी के लिए चेतावनी है। भारत में जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। (असंगठित क्षेत्र के आंकड़े आने के बाद यह गिरावट और अधिक हो सकती है)। वहीं कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित देशों इटली में इसमें 12.4 प्रतिशत और अमेरिका में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आई है।’