दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसियों में आ रही गिरावट के बीच चीन के सरकारी अखबार इकोनॉमिक डेली ने बड़ा दावा किया है। अखबार ने निवेशकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन का भाव शून्य की तरफ बढ़ रहा है। यह चेतावनी ऐसे समय पर आई है जब दुनियाभर की सभी क्रिप्टो करेंसी में बिकवाली हावी है।

बिटकॉइन में बड़ी गिरावट: पिछले साल नवंबर में एक बिटकॉइन की कीमत 68,000 डॉलर के आसपास थी, जो अब घटकर 21,000 डॉलर के आसपास पहुंच गई है। यह दिसंबर 2020 के बिटकॉइन का सबसे निचला स्तर है। इस दौरान बिटकॉइन की कीमत में 69 फीसदी की गिरावट हुई है।

बिटकॉइन केवल डिजिटल कोड्स: चीन के सरकारी मीडिया का कहना है कि बिटकॉइन कुछ नहीं केवल एक डिजिटल कोड्स हैं जो मांग और आपूर्ति पर निर्भर करते हैं। जैसे ही भविष्य में निवेशकों का बिटकॉइन पर से भरोसा उठ जाएगा और दुनिया के बड़े देश बिटकॉइन को गैरकानूनी घोषित कर देंगे, तो यह अपनी असली कीमत पर वापस लौट आएगा, जो कि शून्य है।

चीन ने बिटकॉइन पर बैन लगाया: क्रिप्टोकरंसी को लेकर चीनी सरकार का रवैया शुरू से ही सख्त रहा है और पिछले साल जुलाई में बिटकॉइन पर बैन लगा चुकी है। इसके साथ ही सितंबर 2021 में देश में किसी भी तरह के क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। इससे पहले 2018 में चीन ने सभी विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजों को देश में बैन कर दिया था।

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में गिरावट: इस साल की शुरुआत से अब तक दुनिया भर में लगभग सभी क्रिप्टोकरेंसियों में गिरावट देखने को मिली हैं। इस महीने बिटकॉइन की कीमत इस साल के सबसे निचले स्तर 17,958 डॉलर तक पहुंच गई थी। हालांकि इस हफ्ते बिटकॉइन में रिकवरी हुई और भाव 20,000 डॉलर के पास पहुंच गया।

बता दें, चीनी अखबार ने इकॉनमिक डेली ने अपने बयान के पीछे तर्क देते हुए कहा कि पिछले कुछ समय में दुनिया की टॉप क्रिप्टोकरेंसी में गिनी जाने वाली ‘टेरा यूएसडी’ और ‘लूना’ के भाव शून्य तक पहुंच गए हैं। वहीं, बिटकॉइन ने हालिया हुई गिरावट को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी की कीमत 14000 डॉलर के भी नीचे जा सकती है।