शेयर बाजार में इस साल की अबतक की सबसे बड़ी गिरावट आई और बंबई शेयर बाजार का सूचकांक करीब 555 अंक का गोता लगाकर 19 महीने के न्यूनतम स्तर 24,851.83 पर बंद हुआ। चीन की धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था को थामने के लिये युआन का तीव्र अवमूल्यन किए जाने के बाद वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों और मुद्रा बाजारों में गिरावट दर्ज की गई जिसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा। चौतरफा बिकवाली से नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 172.70 अंक या 2.23 फीसद की गिरावट के साथ 7,600 अंक के नीचे आ गया।

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन वृद्धि दर में गिरावट से विश्वस्तर पर निवेशकों के मनोबल पर असर पड़ा है और पूंजी निकासी से कई देशों की मुद्राओं की विनिमय दर भी प्रभावित हुई है। चीन के केंद्रीय बैंक ने अमेरिकी डालर के मुकाबले युआन की विनिमय दर 0.51 फीसद घटा कर 6.5646 युआन प्रति डालर दी है। यह मार्च, 2011 के बाद युआन का यह न्यूनतम स्तर है।

वैश्विक बाजारों के अनुरूप तीस शेयरों वाला सूचकांक गिरावट के साथ खुला और पूरे दिन बिकवाली में रहा। अंत में यह 554.50 अंक या 2.18 फीसद की गिरावट के साथ 24,851.83 अंक पर बंद हुआ। चार जून, 2014 के बाद यह सेंसेक्स का सबसे निचला आंकड़ा है। उस दिन यह 24,805.83 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 24,825.70 तक चला गया था। पिछले चार कारोबारी सत्रों में सूचकांक 1,309.07 अंक नीचे आ चुका है।

नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी एक समय 7,556.60 के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। अंत में यह 172.70 अंक या 2.23 फीसद की तीव्र गिरावट के साथ 7,568.30 अंक पर बंद हुआ। जमीन-जायदाद, बुनियादी ढांचा, वाहन, धातु और पूंजीगत वस्तु बनाने वाली कंपनियों के शेयर सर्वाधिक प्रभावित हुए। वैश्विक स्तर पर बिकवाली के बीच निवेशक चिंतित दिखे। बिजली, सार्वजनिक उपक्रम, तेल व गैस और बैंक शेयरों पर दबाव रहा।

सूचकांक में शामिल सभी 30 शेयरों में गिरावट देखी गई। सर्वाधिक गिरावट वाले शेयर भेल (6.98 फीसद), टाटा स्टील(6.85 फीसद)और टाटा मोटर्स (6.15 फीसद) रहें। इसके अलावा एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी, ओएनजीसी, एसबीआइ, अदाणी पोर्ट्स, एल एंड टी, बजाज आटो, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एनटीपीसी, हीरो मोटो कार्प, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचडीएफसी लि. ल्यूपिन, सिप्ला, आरआइएल, डा. रेड्डीज और आइटीसी में बिकवाली रही।

वैश्विक स्तर पर एशिया के अन्य बाजारों में भी जोरदार गिरावट दर्ज की गई। शंघाई शेयर बाजार में 7.32 फीसद की गिरावट आई। सर्किट ब्रेकर के कारण कारोबार को करीब आधे घंटे तक रोकना पड़ा। एक सप्ताह में यह दूसरा मौका है जब यह स्थिति हुई है। अमेरिकी बाजार में कल की गिरावट के बाद एशिया के अन्य बाजार प्रभावित हुए। जापान का निक्की 2.33 फीसद, हांगकांग का हैंगसेंग 3.09 फीसद नीचे आए। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजारों में गिरावट का रुख रहा। वैश्विक भंडार बढ़ने के साथ चीन की मुद्रा में गिरावट के बाद वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम कई साल के न्यूनतम स्तर पर जाने से भी धारणा प्रभावित हुई। अमेरिकी मानक कच्चे तेल का भाव 33.61 डालर प्रति बैरल पर आ गया।