चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया है। बैंक ने गुरुवार को ऐलान किया कि उसके बोर्ड ने चंदा कोचर की जल्दी रिटायरमेंट की अर्जी स्वीकार कर ली है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को दाखिल एक जवाब में बोर्ड ने कहा कि उसने चंदा कोचर की दरख्वास्त तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर ली है। बोर्ड ने यह भी कहा कि चंदा कोचर को मिलने वाली सहूलियतें जांच के नतीजों पर निर्भर करेंगी। बोर्ड के मुताबिक, उसने संदीप बख्शी को मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर की जिम्मेदारी सौंपी है। उनके कार्यकाल की अवधि 5 साल की होगी। उनका कार्यकाल 3 अक्टूबर 2023 तक होगा। ICICI बैंक ने बांबे स्टॉक एक्सचेंज में दाखिल फाइलिंग में चंदा कोचर के इस्तीफे के बारे में जानकारी दी। सीईओ और एमडी के अलावा चंदा कोचर ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से भी हट गई हैं। दूसरी तरफ, ICICI बैंक के शेयर में 5% से ज्यादा की उछाल आई है।
इस वजह से छोड़ना पड़ा पद: चंदा कोचर पर ICICI बैंक के तौर-तरीकों का उल्लंघन करते हुए वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने का आरोप लगा है। साथ ही हितों के टकराव को लेकर भी उनके खिलाफ जांच चल रही है। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत के बीच व्यावसायिक संबंध को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। इसके बाद चंदा कोचर पर हितों के टकराव और दीपक कोचर की कंपनी में हिस्सेदारी को लेकर सवाल उठने लगे थे। मामला सामने आने के बाद बैंक के बोर्ड ने स्वतंत्र जांच पूरी होने तक उन्हें छुट्टी पर भेज दिया था। बता दें कि चंदा कोचर के मुंबई स्थित फ्लैट को लेकर आयकर विभाग भी जांच कर रहा है।
34 साल पहले ICICI बैंक से जुड़ी थीं: चंदा कोचर का ICICI बैंक से तकरीबन साढ़े तीन दशक पुराना संबध है। वह वर्ष 1984 में बैंक से जुड़ी थीं। उन्हें 1990 के दशक में रिटेल बैंकिं सेक्टर में ICICI को स्थापित करने का श्रेय जाता है। वर्ष 2007 से 2009 के बीच उन्हें ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ फायनेंशियल ऑफिसर की जिम्मेदारी दी गई थी। वर्ष 2009 में उन्हें ICICI बैंक का एमडी और सीईओ बनाया गया था।
