वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के लिए एक अप्रैल 2017 की समयसीमा तय करते हुए सरकार ने गुरुवार (4 अगस्त) को इसके कार्यान्वयन के लिए विस्तृत खाका पेश किया और कहा कि इसका लक्ष्य काराधान की उपयुक्त दर तय करना है, हालांकि दर के बारे में अंतिम फैसला जीएसटी परिषद करेगी। राज्य सभा द्वारा बुधवार (3 अगस्त) जीएसटी से जुड़े ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी देने के एक दिन बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘हमें एक ईष्टतम जीएसटी दर की जरूरत है।’
जीएसटी विधेयक के पारित होने से देश भर में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में आमूल-चूल परिवर्तन का रास्ता साफ हुआ। जीएसटी के लागू होने पर उत्पाद शुल्क, बिक्री कर, सेवा शुल्क, चुंगी और अन्य तरह के कर इसमें समाहित हो जाएंगे और कर संग्रह को केंद्र तथा राज्यों के बीच बांटा जाएगा। जीएसटी दर के बारे में जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद जिसमें केंद्र तथा राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे, इस पर विचार करेगी और राजस्व अनिवार्यताओं तथा कर की दर कम करने की जरूरत को ध्यान में रखकर संतुलन कायम करेगी। जीएसटी लागू करने के खाके के संबंध में राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि सरकार एक अप्रैल 2017 को कार्यान्वयन की समयसीमा के तौर पर देख रही है।
अधिया ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि अगले 30 दिन के भीतर 50 प्रतिशत राज्य – करीब 16 राज्य – संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे देंगे।’ राज्य सभा ने बुधवार (3 अगस्त) देर शाम इस विधेयक को मंजूरी दे दी। ऊपरी सदन में विधेयक में जो बदलाव किए गए हैं उनके साथ इस सप्ताह लोकसभा में भी इस विधेयक को मंजूरी मिल जाएगी। जेटली ने कहा कि सरकार हर संभव जल्द से जल्द जीएसटी लागू करने पर काम कर रही है। अप्रैल 2017 की समयसीमा के बारे में पूछे पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘सख्त लक्ष्य तय करना हमेशा अच्छा होता है।’