विमानन क्षेत्र में अनुचित व्यापार व्यवहार पर अंकुश लगाते हुए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने माल ढुलाई पर ईंधन अधिभार लगाने, आपस में गुट बनाकर काम करने के मामले में जेट एयरवेज, इंडिगो और स्पाइसजेट पर कुल 258 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। एक्सप्रेस इंडस्ट्री काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से दायर एक शिकायत में सार्वजनिक क्षेत्र की एयर इंडिया और निजी क्षेत्र की गो एयरलाइन्स का भी नाम लिया गया था, हालांकि सीसीआई ने इन दोनों पर कोई जुर्माना नहीं लगाया।
एक विज्ञप्ति के मुताबिक, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने कार्गो परिवहन के लिए ईंधन अधिभार तय करने और संशोधन करने में साठगांठ लिए तीन विमानन कंपनियों- जेट एयरवेज, इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड और स्पाइसजेट पर जुर्माना लगाया है।
जहां जेट एयरवेज पर 151.69 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया है, वहीं इंटरग्लोब पर 63.74 करोड़ रुपये और स्पाइसजेट पर 42.48 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया है। इंटरग्लोब बजट एयरलाइन इंडिगो का परिचालन करती है। इन विमानन कंपनियों को प्रतिस्पर्धा-रोधी व्यवहार में लिप्त रहने से बाज आने को भी कहा गया है। सीसीआई के इस आदेश पर किसी भी विमानन कंपनी से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।
सीसीआई ने आदेश में कहा, ‘एयर इंडिया पर कोई जुर्माना नहीं लगाया गया क्योंकि इसका आचरण अन्य विमानन कंपनियों के समान नहीं पाया गया। इसी तरह गो एयरलाइन्स पर भी कोई जुर्माना नहीं लगाया गया क्योंकि उसने कार्गो का परिचालन तीसरे पक्ष के वेंडरों को दे रखा है और कार्गो परिचालन के किसी भी वाणिज्यिक-आर्थिक पहलू पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है।’