ATM withdrawals in India: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भले ही देश में आर्थिक लेनदेन के लिए डिजिटल इंडिया का अभियान चला रही है, लेकिन इसकी बजाय कैश ट्रांजेक्शन में इजाफा होता दिख रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक बीते 5 सालों में देश में एटीएम से कैश की निकासी में इजाफा हुआ है। सोमवार को जारी की गई रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक ने कहा कि कैश की निकासी के मामले में चीन के बाद भारत दूसरे नंबर पर है।
‘कैश से इलेक्ट्रॉनिक की ओर प्रगति’ के नाम से तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीपी के मुकाबले भारत में कैश की निकासी 17 पर्सेंट के करीब है। हालांकि एटीएम से कैश निकालने की ग्रोथ डिजिटल पेमेंट्स के मुकाबले कम है। रिपोर्ट के मुताबिक यदि ट्रांजेक्शन के मुताबिक देखें तो कैश की निकासी में 9 फीसदी की ग्रोथ हुई है, जबकि नकदी के मूल्य के हिसाब से देखें तो यह ग्रोथ 10 फीसदी की है।
डिजिटल ट्रांजेक्शंस में कम्पाउंड एन्युअल ग्रोथ रेट संख्या के हिसाब से 61 फीसदी और वैल्यू के तौर पर 19 फीसदी की है। आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह आंकड़े बताते हैं कि देश डिजिटाइजेशन की ओर बढ़ रहा है। कैश निकालने की ही ग्रोथ कम नहीं हुई है बल्कि एटीएम की संख्या में भी इजाफे की दर बेहद कम हुई है। बीते 5 सालों में महज 4 फीसदी की दर से ही एटीएम की संख्या में वृद्धि हुई है।
पेमेंट नहीं जमा करने के लिए कैश निकाल रहे लोग: रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में एटीएम से कैश निकालने में बड़े नोटों को ज्यादा तवज्जो दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक एटीएम से कैश निकालकर लोग पेमेंट करने की बजाय पैसों को रख रहे हैं या फिर लंबे समय बाद पेमेंट कर रहे हैं। तत्काल कोई खरीददारी या रकम अदा करने के लिए एटीएम से कैश की निकासी कम की जा रही है।
डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था से हिचक रहे ग्रामीण दुकानदार: क्रेडिट स्विस की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए केंद्रीय बैंक ने कहा है कि देश में आज भी उपभोक्ता 72 पर्सेंट लेनदेन कैश में ही करते हैं। यह आंकड़ा चीन के मुकाबले दोगुना है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में आज भी ग्रामीण इलाकों में दुकानदार डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था को अपनाने से हिचक रहे हैं। इसके कई कारण हैं, जैसे तकनीक की समझ का अभाव और नेटवर्क की कमी। हालांकि इस रिपोर्ट से यह साफ है कि डिजिटल इंडिया का अभियान भले ही आगे बढ़ रहा है, लेकिन उसकी गति सरकार की उम्मीदों के मुताबिक नहीं है।