केंद्र सरकार ने कालेधन के खिलाफ अपने अभियान को बड़े नोटों के विमुद्रीकरण तक ही सीमित नहीं रखा है। कालेधन पर अंकुश के लिए अब तीन लाख रुपए से अधिक का नकद स्वीकार करने वालों को भारी जुर्माना देना पड़ेगा। इसकी शुरुआत एक अप्रैल से होगी। अगले वित्त वर्ष के बजट में अरुण जेटली पहले ही तीन लाख रुपए से अधिक के नकद लेनदेन पर रोक लगाने का प्रस्ताव संसद में पेश कर चुके हैं।  राजस्व सचिव हसमुख अधिया के मुताबिक तीन लाख रुपए से ज्यादा नकद लेनदेन पर भारी जुर्माना लगेगा। जो व्यक्ति जितनी राशि नकद में स्वीकार करेगा उसे उसके बराबर ही जुर्माना देना होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा- यदि आप चार लाख रुपए नकद स्वीकार करते हैं तो आपको चार लाख रुपए का ही जुर्माना देना होगा। इसी तरह 50 लाख रुपए नकद लेने पर जुर्माना राशि 50 लाख रुपए होगी। यह जुर्माना उस व्यक्ति पर लगेगा जो नकद स्वीकार करेगा।

बकौल अधिया यदि आप नकद में कोई महंगी घड़ी खरीदते हैं तो दुकानदार को यह कर देना होगा। उन्होंने कहा कि यह प्रावधान लोगों को बड़ी राशि के नकद लेनदेन से रोकने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद खातों में बड़ी मात्रा में काला धन भी आया है। अब सरकार भविष्य में इसका सृजन रोकने के लिए कदम उठा रही है। राजस्व सचिव ने कहा कि सरकार सभी बड़े नकद लेनदेन पर निगाह रखेगी। साथ ही वह नकदी के जरिए संदिग्ध उपभोग के रास्तों को भी रोकेगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास भारी मात्रा में बेहिसाबी धन है, वे उसका इस्तेमाल छुट्टियां बिताने या लग्जरी उत्पाद मसलन कारें, घड़ियां या आभूषण खरीदने पर करते हैं। नकदी पर नए अंकुशों का मतलब है कि इस तरह के खर्च के रास्तों पर रोक लगेगी। इससे लोग कालेधन का सृजन करने से बचेंगे। पूर्व में अधिसूचित दो लाख रुपए से अधिक के लेनदेन के लिए पैन नंबर देना कायम है।

दरअसल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने 2017-18 के बजट में आयकर कानून में धारा 269एसटी जोड़ने का प्रस्ताव किया है। इसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति एक दिन में किसी एक व्यक्ति से एकल लेनदेन या किसी एक मामले या मौके पर तीन लाख रुपए से अधिक की नकदी स्वीकार नहीं करेगा। हालांकि यह अंकुश सरकार, किसी बैंकिंग कंपनी, डाकघर बचत खातों या सहकारी बैंकों पर लागू नहीं होगा। अधिया ने कहा कि प्रस्ताव में तीन लाख रुपए से अधिक की नकदी लेने वाले व्यक्ति पर जुर्माने का प्रावधान है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अगुआई वाली मुख्यमंत्रियों की समिति ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में एक सीमा से अधिक नकद लेनदेन पर रोक लगाने व 50,000 रुपए से अधिक के भुगतान पर कर लगाने की सिफारिश की है। जबकि कालेधन पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट की हिदायत पर बनी एसआइटी ने घर में नकदी रखने की भी अधिकतम सीमा पंद्रह लाख रुपए तय करने की सिफारिश की थी। सरकार उस पर भी जरूरी विचार-विमर्श के बाद फैसला करेगी।