कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में करीब दो महीनें से लॉकडाउन है। हालांकि अब कुछ इलाकों में आने जाने की राहत जरूर दे दी गई है। इस तालाबंदी के चलते देशभर के नागरिकों को अपने घरों में रहने के लिए कहा गया था। इस दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों से कई मामले सामने आए जिसमें लोग अपने घरों से अपनी बाइक और कारों पर बिना काम के भी आते जाते दिखाई दिए। हाल ही में सोशल सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति वैध लॉकडाउन पास के बिना लॉकडाउन के दौरान सड़क पर गाड़ी चला रहा है, और उसके साथ कोई दुर्घटना घट जाती है, तो बीमा कंपनी उसके क्लेम को रिजेक्ट कर सकती है।
एक अंग्रेजी वेबसाइट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक बीमा कंपनी चोलामंडलम ने लॉकडाउन अवधि के दौरान मोटर वाहन अधिनियम के तहत नियमों के उल्लंघन पर एक कार के मालिक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। रिपोर्ट के अनुसार कार 26 अप्रैल 2020 को दुर्घटना का शिकार हुई थी। जिसके बाद मालिक ने क्लेम किया। बीमा कंपनी ने मालिक से ई-पास या किसी अन्य अनुमति जैसे उचित दस्तावेज दिखाने के लिए कहा है जो लॉकडाउन में कार मालिक को जाने की अनुमति देता है। बता दें, बीमा कंपनी ने मालिक से 7 दिनों में दस्तावेजों को जमा करने की मांग की है, और यदि मालिक ऐसा करने में विफल रहता है, तो कंपनी बीमा क्लेम को रिजेक्ट कर देगी।
यह केवल चोलामंडलम के साथ नहीं है, बल्कि अन्य बीमा कंपनियां भी इसी नियम का पालन कर सकती हैं, यानी जो लॉकडाउन की अवधि में दुर्घटना या चोरी के मामलों का क्लेम करेगा। उसके पास वैध लॉकडाउन पास होना चाहिए। यदि पाया जाता है कि वाहन अवैध रूप से इस्तेमाल किया जा रहा था या कुछ अवैध उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया गया था। तो इस मामले में बीमा कंपनी क्लेम को रिजेक्ट करने का अधिकार रखती है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो अगर आपके पास वाहन का ई-पास नहीं था और लॉकडाउन अवधि के दौरान दुर्घटना हो गई, तो बीमा कंपनी द्वारा आपके दावे को अस्वीकार करने की संभावना बहुत अधिक है। वहीं यदि आपका वाहन आपके घर या पार्किंग स्थल के अलावा किसी अन्य स्थान से चोरी हुआ है तो भी यह लागू हो सकता है। इंश्योरेंस कंपनी आपसे इस बात का सबूत दिखाने के लिए कह सकती है कि ई-पास के बिना वाहन चोरी कैसे हुआ और दूसरे स्थान पर कैसे पहुंचा।

