भीड़भाड वाली सड़क और हाईवे पर रात में कार ड्राइव करने के कुछ नियम हैं। जिन्हें फॉलो करने से हादसों की संभावना कम हो जाती है। लेकिन इन नियमों की जानकारी न होने की वजह से बहुत से लोग ऐसे ही कार ड्राइव करते है और हादसों में खुद तो चोटिल होते है साथ में दूसरों को भी घायल करते हैं। इसलिए हम आपको बताने जा रहे है कि रात में कार ड्राइव करते समय कब आपको अपनी कार की हैडलाइट को High Beam और Low Beam पर रखना चाहिए। जिससे कार और आप दोनों ही सुरक्षित रह सकें। आइए जानते हैं इसके बारे में…
रात में ड्राइविंग के दौरान होती है मुश्किल – जब भी रात में ड्राइविंग की जाती है तो ड्राइवर को सामने से आ रही कार या ट्रक की लाइट से परेशानी होती है। जिसकी सबसे बड़ी वजह है हैंडलाइट का High beam पर होना। ऐसे में कई बार आप दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं। इसलिए मिनिस्ट्री ऑफ रोड़ एंड ट्रांस्पोर्ट ने कुछ नियम बनाए है। जिनको रात में ड्राइविंग के दौरान जरूर फॉलो करना चाहिए।
High Beam पर कब करें ड्राइव – जब भी आप नेशनल हाईवे या एक्सप्रेस वे पर रात में सफर कर रहे हो। तब कार में हाई बीम लाइट का यूज करना चाहिए। क्योंकि हाईवे और एक्सप्रेस वे पर सामने से आने वाला वाहन डिवाइडर के दूसरी ओर चल रहा होते हैं।
ऐसे में दूसरी कार के या आपकी कार की हाई बीम लाइट से आपको या किसी दूसरे को ड्राइविंग के दौरान परेशानी नहीं होती। ऐसे में हादसों की संभावना ना के बारबार रहती हैं।
Low Beam पर कब करें ड्राइविंग – जब आप सिंग्ल रोड या भीड़भाड़ वाली जगह पर ड्राइविंग कर रहे हो। जैसे रात के समय शहर के अंदर ड्राइविंग के दौरान आपको हैडलाइट में Low Beam का यूज करना चाहिए।
जिससे सामने से आने वाले वाहन चालक की आंखों पर तेज रोशनी का असर नहीं होता और उसे संभलने का पूरा मौका मिलता है। वहीं ऐसा करने से ना तो आप दुर्घटना का शिकार होते हैं और ना ही कोई दूसरा दुर्घटना का शिकार होता है।