How to Transfer Vehicle Ownership: भारत में यूज्ड गाडियों को खरीदने का चलन अब तेजी से जोर पकड़ रहा है। यदि आप अपनी कार बेचते हैं तो खरीदार के नाम पर वाहन का होना अनिवार्य है। जिसे आम भाषा में RC ट्रांसफर भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया से वाहन मालिक पूरी तरह से कार का मालिक बन जाता है, और सभी तरह की कानूनी देनदारी से भी बच जाता है। बता दें, इसके लिए अपको आपके क्षेत्र के संबंधित परिवहन कार्यालय (RTO) पर आवेदन करना होगा। आइए बताते हैं कि किसी तरह से यूज्ड कार को अपने नाम करना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता है।

ट्रांसफर करने का प्रोसेस: किसी भी कार को बेचने के 14 दिन के बाद उसकी आरसी ट्रासंफर होना अनिवार्य होती है। इसके लिए आपको अपने क्षेत्र के आरटीओ में आवेदन देना होगा। जिसमें कुछ कागजों की जरूरत पड़ती है। इन कागजों में RC की ओरिजनल कॉपी होना आवश्यक है। इसके अलावा आपको Form 29 भरना होगा। जिसमें खरीदने वाले का पासपोर्ट साइज फोटो और खरीदार के साइन होना जरूरी है। इस फॉर्म को आप RTO की वेबसाइट से आप डाउनलोड कर सकते हैं।

इसके बाद दूसरे नंबर पर आपको Form 30 भरना होगा। इस फॉर्म पर खरीदने और बेचने वाले दोनों के साइन होते है, इस फॉर्म पर दोनों के पासपोर्ट साइज फोटो भी लगे होते हैं। इसके बाद आपको एक No objection certificate (Form 28) भरना होगा। हालांकि यदि राज्य के भीतर ही एक शहर से दूसरे शहर में वाहन को ट्रांसफर किया जा रहा है, तो इस फॉर्म की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों में सरकार ने इसे अनिवार्य कर दिया है। इसलिए जब वाहन को एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर किया जाता है तो फॉर्म 28 का उपयोग किया जाता है।

इन जरूरी कागजात को रखें तैयार: इस प्रक्रिया में आपको एड्रेस प्रूफ (जिसमें आधार कार्ड, पासपोर्ट, फोन का बिल, राशन कार्ड) आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा आपको वैलिड इंश्योरेंस, मान्य पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की आवश्यकता होता है। इन कागजात के अलावा आपको आरसी को ट्रांसफर कराने के लिए फीस भी भरना होती है, जो आमतौर पर 300 रुपये होती है। हालांकि अगर आप किसी एजेंट के जरिए काम कराते हैं, तो आपको ज्यादा पैसे देने पड़ सकते हैं।