Driving Licence and Vehicle Documents Validity: कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने वाहन चालकों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने कोराना वायरस और लॉकडाउन के मद्देनजर ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन के दस्तावेजों की वैद्धता को बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दिया है। सरकार के इस नियम के अनुसार जिन दस्तावेजों की वैधता बीते 1 फरवरी तक समाप्त हो गई हैं अब उन्हें 31 दिसंबर तक के लिए वैध माना जाएगा।

इससे पहले सरकार ने फैसला लिया था कि आगामी 30 सितंबर तक के लिए ड्राइविंग लाइसेंल और व्हीकल डॉक्यूमेंट्स को वैध करार दिया था। मौजूदा समय में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को ध्यान रखकर सरकार ने यह फैसला लिया है। ऐसा तीसरी बार है जब सरकार ने वाहन संबंधी दस्तावेजों की वैधता को बढ़ाया है, इससे पहले 30 मार्च और 9 जून को एडवायजरी जारी की गई थी।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि,मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के तहत फिटनेस, परमिट, लाइसेंस, पंजीकरण या अन्य दस्तावेजों की वैधता को 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। मंत्रालय को उम्मीद है कि इससे लोगों को राहत मिलेगी और लोग आसानी से अपने वाहनों का प्रयोग कर सकेंगे।

मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा है कि, “देश भर में COVID-19 के संक्रणम की रोकथाम के लिए शर्तों की स्थिति अभी भी जारी है, यह ध्यान में रखते हुए, यह सलाह दी गई है कि उपरोक्त सभी दस्तावेजों की वैधता जिनका नवीनिकरण नहीं हो पाया है या लॉक-डाउन के चलते अभी आगे जिनके रिन्यू होने की संभावना नहीं है। जिन डॉक्यूमेंट्स की वैधता 1 फरवरी, 2020 को समाप्त हो गई थी, या आगामी 31 दिसंबर 2020 तक समाप्त हो जाएगी, उन्हें 31 दिसंबर 2020 तक वैध माना जाएगा। इसके बाबत प्रवर्तन अधिकारियों को सलाह दी गई है कि ऐसे दस्तावेजों को 31 दिसंबर 2020 तक वैध मानें।”

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक ट्वीट में कहा है कि, “COVID-19 के प्रकोप के दौरान सोशन डिस्टेंसिंग मानकों के पालन करने के चलते होने वाली असुविधा को कम करने के लिए, MoRTH ने सभी राज्य सरकारों को मोटर वाहन अधिनियम 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989, 1989 से संबंधित दस्तावेजों की वैधता को आगे बढ़ाने के लिए एक सलाह जारी की है।”