Supreme Court on BS$ Car Sales: भारत में बीते अप्रैल से नए उत्सर्जन मानक BS6 लागू हो गए हैं, जिनके चलते वाहन निर्माता कंपनियां अपने पुराने स्टॉक को लेकर परेशान थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ऑटोमोबाइल डीलरों को लॉकडाउन के कारण बीएस4 वाहनों की बिक्री के लिए 10 दिन का अधिक समय दिया था। जिसमें सिर्फ 1.05 लाख बीएस4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी गई थी। फिलहाल आपको बता दें, कोर्ट ने अपने इस आदेश को वापस ले लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन 10 दिनों की अवधि में 2.55 लाख से अधिक बीएस4 वाहन बेचे गए हैं, जो उसके आदेश से अधिक था। कोर्ट ने कहा है कि इन 10 दिनों के दौरान जो भी सीमित सीमा से अलग कारें बेची गई हैं, उनका पंजीकरण नहीं किया जाएगा। हालांकि इसके लिए पहले ऑटोमोबाइल निर्माता द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर गौर किया जाएगा और उसके बाद ही कोई आदेश मान्य होगा। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले भारत में BS4 वाहनों की बिक्री के लिए 31 मार्च की समय सीमा दी थी। लेकिन कोरोना वायरस के चलते 10 दिन की अलग से मोहलत दी गई थी। जिसमें कंपनियों को बताया गया कि इन 10 दिनों के भीतर वे अपने कुल बीएस4 स्टॉक का केवल 10 प्रतिशत ही सेल कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने ऑटोमोबाइल डीलरों को फैसले का फायदा नहीं उठाने की बात कही और कहा कि किसी भी वाहन को उसके आदेश के बिना पंजीकृत नहीं किया जा सकता है। न्यायलय ने 27 मार्च 2020 को आदेश लागू होने के बाद फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) को बीएस4 वाहनों की बिक्री का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अब सरकार को यह निर्देश दिया है कि वह बीएस4 वाहनों के डेटा उपलब्ध कराए जो 31 मार्च 2020 के बाद ई-वन पोर्टल पर अपलोड किए गए हैं।
इस मामले पर अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ) और ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स सोसायटी (SIAM) ने BS4 वाहनों की बिक्री के लिए 31 मार्च की समय सीमा बढ़ाने के लिए अदालत का रुख किया था।