Royal Enfield बुलेट में एक्सट्रा आवाज करने वाले साइलेंसर का प्रयोग करने वाले बाइकर्स की मुश्किलें अब बढ़ सकती है। पुलिस प्रशासन ऐसे बाइकर्स को रोक कर उनका तगड़ा चालान काट रही है। ताजा मामला हैदराबाद से सामने आया है, जहं पर ट्रैफिक पुलिस ने तेज आवाज करने वाले मॉडिफाइड Royal Enfield बाइकर्स को रोक कर न केवल उनका चालान काटा बल्कि मैकेनिक को बुलवाकर उनके बाइक्स से साइलेंसर को भी निकलवा दिया।
रामागुंडम शहर में ट्रैफिक पुलिस ने इन बाइकर्स को पकड़ा और अग्रिम कार्यवाही के लिए उनकी डीटेल को रिजनल ट्रांसपोर्ट अर्थाटी को सौंपा है। वहीं इस मामले में कुछ लोगों का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस द्वारा साइलेंसर को निकालना गलत है, वो केवल ऐसे बाइकर्स का चालान कर सकते हैं या फिर रिजनल ट्रांस्पोर्ट अर्थाटी को सौंप सकते हैं।
क्या कहता है कानून: केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम की धारा 190 के अनुसा, “कोई भी व्यक्ति जो किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मोटर वाहन चलाते वक्त सड़क सुरक्षा, ध्वनि और वायु प्रदूषण के नियंत्रण के संबंध में निर्धारित मानकों का उल्लंघन करता है तो वो अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे व्यक्ति पर पहली बार 1,000 रुपये का जुर्माना और दूसरी बार ऐसा ही करने पर 2,000 रुपये की राशि जुर्माने के तौर पर देना होगा। इसके अलावा दूसरी बार पकड़े जाने पर उसे अन्य दंड भी भोगने पड़ सकते हैं।
ऑटोमोटिव मानदंडों के अनुसार, वाहनों के चलने के कारण निकलने वाली आवाज अधिकतम 80 डेसिबल तक होनी चाहिएं। वाहन निर्माता कंपनियां इस मानक के अनुसार ही अपने वाहनों का निर्माण करती है। लेकिन मॉडिफाईड वाहन से निकलने वाली आवाज का स्तर 100 डेसीबल और उससे अधिक भी होता है जो कि गलत है।
फिलहाल ये मामला हैदराबाद में देखने को मिला है। लेकिन जिस तरह से Royal Enfield की बाइक्स में मॉडिफाइड एग्जॉस्ट यानी की साइलेंसर का प्रयोग बढ़ रहा है। उस हिसाब से देश के अन्य राज्यों में भी जल्द ही पुलिस सक्रिय हो सकती है। इसलिए आप भी ऐसे एग्जॉस्ट के प्रयोग से बचें।