दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस के कारण सभी देशो की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है, और इसका सीधा असर लोगों की नौकरी पर पड़ रहा है। कई कंपनियों ने भारी संख्या में कर्मचारियों को विदाई दे दी है। हाल ही में मिली रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांस की वाहन निर्माता कंपनी रेनो भी दुनिया भर के कंपनी के साथ जुड़े 15,000 लोगों की छंटनी करने पर विचार कर रही है। जिसके मुताबिक फ्रांस में कुल 4,500 लोगों की नौकरी जाने की संभावना है। बता दें, रेनो ने अपनी कार्यबल का कुल 10 प्रतिशत कम करने की योजना के साथ यह निर्णय लिया है।

बता दें, रेनो का भारत में भी शुरुआत से प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। वर्तमान में कंपनी की ट्राइबर ही अकेले ब्रिकी को संभाले हुए है। कंपनी ने इस साल के शुरूआत में पिछले एक दशक में अपना पहला नुकसान पोस्ट करने के बाद लागत में करीब 2 बिलियन की कटौती के लिए “”no taboo” योजना की शुरुआत की थी। वहीं फ्रांस में मौजूदा सरकार ने रेनो के 5 बिलियन यूरो लोन पर मंजूरी से साफ मना कर दिया है, जिसके बाद कंपनी ने यह कदम उठाने का निर्णय लिया है।

हालांकि यह पहली कंपनी नहीं है, जो इस दौर में आर्थिक संकट से जूझ रही है, इस गंभीर महामारी के कारण पूरी दुनिया के लगभग सभी देशो की कंपनियां इसका सामना कर रही हैं। लॉकडाउन के कारण मांग में कमी हो रही है, जिसके कारण कंपनियां लोगों की सैलेरी में कटौती करने के साथ कार्यबल को कम करने में लगी है।

हाल ही में कैब सेवा प्रदाता UBER ने भारत में 600 लोगों को नौकरी से बाहर करने की घोषणा की है, जो उबर की भारत में कुल कार्यबल का 25% है। कंपनी ने बयान में कहा कि कोरोनोवायरस महामारी के कारण हम ऐसा करने के लिए मजबूर हैं। न सिर्फ उबर बल्कि ओला ने भी राइड्स, फाइनेंशियल सर्विसेज और फूड बिजनेस से 1,400 कर्मचारियों की छंटनी करने की घोषणा कर दी है। जिसके पीछे रेवेन्यू में बीते दो महीने में दर्ज की गई 95 फीसदी की गिरावट है।