Tata Nano Sales: देश की लखटकिया कार के नाम से मशहूर और रतन टाटा का ड्रीम प्रोजेक्ट कही जाने वाली Tata Nano की हालत काफी खस्ता है। हालात ये है कि अब इस कार को कोई खरीदार ही नहीं मिल रहा है। एक भी डीलरशिप पर इस कार की बिक्री न होने के कारण कंपनी ने बीते जनवरी महीने से इस कार का प्रोडक्शन भी बंद कर रखा है।
फरवरी से कंपनी ने एक भी Nano कार नहीं बेची है। कंपनी ने शेयर बाजार को भेजी सूचना में यह जानकारी दी है। जनवरी महीने में एक कार की बिक्री की गई थी। हालांकि, कंपनी ने स्पष्ट किया है कि उसने इस प्रवेश स्तर की कार का उत्पादन बंद करने के बारे में औपचारिक तौर पर कोई फैसला नहीं किया है।
कभी Tata Nano को लोगों की कार कहा जाता था। कंपनी ने कहा है कि वह मांग के अनुरूप इस कार की बिक्री करती रहेगी। टाटा मोटर्स द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उसने दिसंबर, 2018 में आखिरी बार नैनो का उत्पादन किया था। उस समय साणंद कारखाने से 82 नैनो बाहर आई थीं।
बिक्री की बात की जाए, तो जनवरी से जून की अवधि में कंपनी सिर्फ फरवरी महीने में एक नैनो कार बेच पाई है। यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी ने नैनो की बिक्री बंद करने का फैसला किया है, Tata Motors के प्रवक्ता ने कहा कि अभी इस पर औपचारिक रूप से कोई निर्णय नहीं हुआ है।
प्रवक्ता ने कहा कि हम मांग के अनुरूप इस कार की बिक्री कर रहे हैं। जनवरी से जून की अवधि में एक भी नैनो कार का निर्यात नहीं हुआ। पूर्व में Tata Motors संकेत दे चुकी है कि वह अप्रैल, 2020 से नैनो का उत्पादन बंद कर देगी। कंपनी का इरादा BS-6 उत्सर्जन नियमों को पूरा करने के लिए रतन टाटा की इस महत्वाकांक्षी कार में और निवेश करने का नहीं है।
इनपुट: भाषा

