देश के वाहन निर्माताओं के लिए एक राहत भरी खबर आई है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने एक बयान में कहा है कि वाहन निर्माताओं के लिए केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बाजार में उतारने के लिए कोई भी समय सीमा तय नहीं की है।

यह बयान ऐसे समय काफी महत्वपूर्ण है जब नीति आयोग ने जून में दोपहिया और तिपहिया वाहन बनाने वाली कंपनियों को 2025 की समयसीमा को ध्यान में रखते हुए परम्परागत वाहनों की जगह बैटरी चालित वाहनों को अपनाने के ठोस उपाय कदमों के बारे में दो सप्ताह के भीतर सुझाव देने को कहा था।

वाहन बाजार में इस प्रस्तावि बदलाव के बारे में एक सवाल के जवाब में गडकरी ने कहा, “ऐसी कोई समयसीमा नहीं तय की गई है।” नीति आयोग ने 2023 तक पूरी तरह बैटरी से चलने वाले तिपहिया वाहनों को अपनाने का लक्ष्य सुझाया है। इसके अलावा 2025 तक 150 सीसी तक के दोपहिया वाहनों को पूरी तरह बैटरी आधारित करने की योजना है।

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दोपहिया और तिपहिया निर्माताओं ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा था कि यह बदलाव पूरी तरह से अनावश्यक है। इससे उद्योग को नुकसान होगा और नौकरियों पर संकट आ जाएगा। उन्होंने ई-वाहनों को अपनाने से पहले सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया था।

वाहन उद्योग संगठन एफएडीए ने कहा था कि वाहन क्षेत्र पिछले कुछ महीनों से सुस्ती का सामना कर रहा है। बिक्री में सुस्ती के असर को कम करने के लिए पिछले तीन महीनों में देशभर में वाहन डीलरों ने लगभग दो लाख नौकरियां खत्म की हैं।