What is Microdot and How it Works: देश में वाहनों की चोरी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार एक नया नियम नियम लागू करने जा रही है। सरकार ने वाहनों की सुरक्षा बढ़ाने के मद्देनजर मोटर वाहन और उनके कलपुर्जों पर Microdot चिह्न लगाने के लिए नियम अधिसूचित किया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा कि उसने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में संशोधन करके वाहन, उनके कलपुर्जों और अन्य कंपोनेंट में माइक्रोडॉट लगाने के संबंध में वाहन उद्योग मानकों को अधिसूचित किया है।

इस मसौदे पर सुझावों और आपत्तियों को विचार करने के बाद अधिसूचना जारी की गई है। मंत्रालय ने बयान में कहा, “माइक्रोडॉट से वाहनों की सुरक्षा को बढ़ाने में मदद मिलेगी।” सड़क परिवहन मंत्रालय ने कहा कि नई अधिसूचना के मुताबिक, मोटर वाहन और उनके कलपुर्जों, घटकों या अन्य भाग पर लगने वाले माइक्रोडॉट वाहन उद्योग मानक (AIS)-155 के अनुरूप होंगे।

बता दें कि, सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स, 1989 में संशोधन करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 24 जुलाई 2019 को मसौदा तैयार किया था। इसके दौरान मंत्रालय ने हितधारकों से आपत्ति और सुझाव की भी मांग की थी। इसके बाद ही इस अधिसूचना जारी की गई है।

क्या होता है Microdot: वाहनों की चोरी की रोकथाम के लिए माइक्रो-डॉट तकनीक बहुत ही कारगर साबित होगी। दरअसल ये, पॉलिएस्टर से बने हुए ये माइक्रो-डॉट आकार में 1 mm या 0.5 mm तक के होते हैं। इन्हीं डॉट्स पर वाहनों की चेचिस संख्या, रजिस्ट्रेशन इत्यादि लिखी जाएगी। इन डॉट्स को वाहन के एक्स्टीरियर से लेकर अंदूरनी पार्ट्स तक पर स्प्रे कर दिया जाएगा। इन्हें नंगी आखों से नहीं देखा जा सकता है बल्कि इन्हें देखने के लिए आपको सूक्ष्मदर्शी की जरूरत पड़ेगी।

ऐसे में यदि कोई आपकी गाड़ी चोरी कर लेता है और उसके टुकड़े टुकड़े भी कर देता है। तो ऐसी स्थिति में ये माइक्रो डॉट्स से आसानी से पकड़ा जा सकेगा। इन डॉट्स को किसी भी तरह से नष्ट नहीं किया जा सकता है। यह तकनीक ऑस्ट्रेलिया, ताइवान, न्यूजीलैंड, चिली, कनाडा अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका में पहले से ही इस्तेमाल की जा रही है।

इनपुट: भाषा