जर्मनी की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी Mercedes Benz के 1,110 कर्मचारियों के नौकरी पर तलवार लटक रही है। कंपनी ने घोषणा की है कि वो अपनी नई योजना के तहत अपने स्टॉफ में कटौती करने जा रही है। ऐसा कंपनी इसलिए कर रही है ताकि इलेक्ट्रिक और सेल्फ ड्राइविंग कारों की लागत को कम से कम किया जा सके और तकरीबन 7,858 करोड़ रुपये की बचत हो सके।

कंपनी के इस कदम में मैनेजमेंट की नौकरियों में तकरीबन 10 प्रतिशत लोग प्रभावित होंगे, जो कि लगभग 1,100 कर्मचारियों के बराबर माना जा रहा है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओला कैलेनियस की अगुवाई में एक निवेशक सम्मेलन के दौरान खुलासा किया गया था कि इस साल इलेक्ट्रिक कारों के डेवलेप्मेंट पर लगभग 3,975 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

इसके अलावा कंपनी ने लगभग 750 मिलियन पाउंड (लगभग 6,930 करोड़ रुपये) का भुगतान उत्सर्जन नियमों के लिए भी किया है। केलेनियस ने कहा कि, “इंडस्ट्री में तेजी से बदलाव हो रहा है, वहीं यूरोपीय मानकों के अनुसार CO2 लेवल को प्राप्त करने के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं।”

बता दें कि, अगले साल तक यूरोपीय उत्सर्जन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए मर्सिडीज पर विशेष दबाव है। इस समय कंपनी की बिकने वाली कारें औसतन 138 ग्राम/किमी CO2 का उत्सर्जन करती हैं, कंपनी का लक्ष्य है कि इसे घटाकर 95 ग्राम/किमी किया जाए। बता दें कि, हाल ही में Mercedes-Benz ने भारतीय बाजार में अपनी नई V-class Elite एमपीवी को पेश किया है। इसकी कीमत 1.1 करोड़ रुपये तय की गई है। ये नई वी क्लॉस ग्लोबल मार्केट में पिछले साल लांच किए गए फेसलिफ्ट मॉडल पर आधारित है।