Global NCAP Crash Test: देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी Maruti Suzuki और दक्षिण कोरियन वाहन निर्माता कंपनी Hyundai लंबे समय से भारतीय बाजार में बजट कारों का निर्माण करने के लिए मशहूर हैं। हाल ही में ग्लोबल संस्था न्यू कार एसिस्मेंट प्रोग्राम (NCAP) द्वारा Maruti WagonR और Hyundai Santro दोनों की मजबूती की जांच के लिए क्रैश टेस्ट किया गया है। जिसमें दोनों कारें फिसड्डी साबित हुई हैं, इन कारों को टेस्टिंग के दौरान महज 2 स्टार रेटिंग मिली है। आइये जानते हैं इस क्रैश टेस्ट के बारे में —
Maruti WagonR को हाल ही में कंपनी ने अपडेट कर के बाजार में पेश किया है। इसके LXi वर्जन को इस क्रैश टेस्ट में शामिल किया गया है जो कि इस मॉडल का एंट्री लेवल वैरिएंट है। ये देश की सबसे ज्यादा बेची जाने वाली कारों में से भी एक है और इसकी कीमत 4.34 लाख रुपये से लेकर 5.91 लाख रुपये तक है।
कैसा रहा टेस्ट: इस टेस्टिंग में जिस वैरिएंट को शामिल किया गया था, उसमें कंपनी ने केवल ड्राइवर साइड एयरबैग ही दिया है। इस क्रैश टेस्ट के दौरान व्यस्क की सुरक्षा में इस कार को 17 प्वाइंट में से केवल 6.93 प्वाइंट मिले हैं। वहीं बच्चों की सुरक्षा के लिए इस कार को 49 प्वाइंट में से महज 16.33 प्वाइंट ही हासिल हुए हैं।
Global NCAP की जांचकर्ताओं के अनुसार, Wagon R अनस्टेबल यानी की पूरी तरह से संतुलित नहीं है। इसके अलावा ये अधिक भारी सहने के योग्य भी नहीं है। जांच में पाया गया कि ये कार ड्राइवर और को ड्राइवर के लिए सुरक्षित है। हालांकि चालक और सहचालक के चेस्ट यानी कि सीने को ये उतनी सुरक्षा प्रदान नहीं करती है, यहां पर ये काम कमजोर है। इसके अलावा पैरों पर ये मार्जिनल सेफ्टी प्रदान करती है।
इस टेस्ट में बच्चों के डमी को भी शामिल किया गया था, जिसमें पाया गया कि 3 साल के बच्चे के डमी (पुतला) का सिर टेस्टिंग के दौरान फ्रंट सीट से जा लगा था। वहीं 18 महीने के बच्चे का डमी सुरक्षित था। इसके अलावा जांचकर्ताओं ने ये भी कहा कि Wagon R की पिछली सीट पर थ्री प्वाइंट सीट बेल्ट और Isofix सीट लॉक सिस्टम नहीं दिया गया है। यानी कि ये कार बच्चों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है।
NCAP ने कोरियन कंपनी Hyundai की लोकप्रिय हैचबैक कार Santro का भी परीक्षण किया है। इस कार की टेस्टिंग के दौरान पाया गया कि, ये कार भी बच्चों के लिए पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। टेस्टिंग के दौरान इस कार को व्यस्कों के लिए 17 प्वाइंट्स में से 6.74 प्वाइंट्स मिले हैं। इसमें पाया गया कि, इस कार में व्यस्क के सिर और गले की सुरक्षा बेहतर है जबकि चेस्ट यानी की सीने की सुरक्षा कमजोर है। इसके अलावा कार के स्ट्रक्चर और फुटवेल को भी अनस्टेबल रेटिंग मिली है।
Hyundai Santro में बच्चों की सुरक्षा की बात करें तो टेस्टिंग के दौरान इस कार को 49 में से महज 15 प्वाइंट्स ही मिले हैं। जिस मॉडल को क्रैश टेस्ट में शामिल किया गया था उसमें कंपनी ने Isofix माउंट नहीं दिया है। 3 साल के बच्चे के सिर और चेस्ट की सुरक्षा को खराब रेटिंग मिली है वहीं 18 महीने के बच्चे के हेड और चेस्ट के लिए इस कार को सुरक्षित माना गया है।
भारत में क्या है सुरक्षा मानक: भारतीय मानकों के अनुसार इस समय केवल ड्राइवर साइड एयरबैग ही अनिवार्य है। जो कि Maruti WagonR और Hyundai Santro जैसे एंट्री लेवल कारों में कंपनियों द्वारा दिया जा रहा है। हालांकि, इसे जल्द ही बदलने की तैयारी हो रही है, सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को निर्देश दिया है कि पैसेंजर साइड एयरबैग को भी अनिवार्य किया जाए।
क्या है NCAP: बता दें कि, न्यू कार एसिस्मेंट प्रोग्राम (NCAP) एक ग्लोबल संस्था है जो कि दुनिया भर के वाहनों का क्रैश टेस्ट कर के उनको रेटिंग प्रदान करती है। इस टेस्ट के दौरान कार को अलग अलग स्पीड में क्रैश किया जाता है और कार के भीतर यात्रियों की जगह पर डमी का प्रयोग किया जाता है। क्रैश के बाद होने वाले नुकसान का आंकलन कर कार को हर कैटेगरी में रेटिंग दी जाती है। हाल ही में इस संस्था ने Tata Nexon का भी क्रैश टेस्ट किया था, जिसे 5 स्टार रेटिंग दी गई है और इसे देश की सबसे सुरक्षित कार बताया गया।