Maruti Suzuki Job Cuts: भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में मंदी का दौर लगातार जारी है। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी Maruti Suzuki ने आज अपने 3,000 अस्थाई कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया है। कंपनी ने इसके पीछे ऑटो सेक्टर में आई मंदी को जिम्मेदार बताया है। वाहनों की मांग में लगातार आ रही गिरावट के चलते कंपनी ये फैसला किया है।

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष आर.सी. भार्गव ने कहा कि मंगलवार को कंपनी ने 3,000 अस्थायी कर्मचारियों के अनुबंधों को नवीनीकृत नहीं किया है। नए सेफ्टी मानक और बढ़े हुए टैक्स दरों के कारण वाहनों की लागत मूल्य काफी बढ़ गई है। इसका सीधा असर कंपनी की बिक्री पर पड़ रहा है। यही कारण है कि कंपनी ने इन अस्थाई कर्मचारियों के कॉन्ट्रैक्ट ​को रिन्यू नहीं किया है।

देश के ऑटोमोबाइल बाजार में लगातार नौवें महीने गिरावट ​दर्ज की गई है। ​कई दिग्गज वाहन निर्माता कंपनियों ने बीते कुछ दिनों में अपने अस्थाई कर्मचारियों के कॉन्ट्रैक्ट को रिन्यू नहीं किया है। इसके अलावा कुछ वाहन निर्माताओं ने घटती मांग के चलते प्रोडक्शन को कम करने के लिए प्लांट को भी कुछ दिनों के लिए बंद किया था।

आर.सी. भार्गव ने कहा कि, कंपनी देश के नए उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार है। कंपनी इस समय कम्प्रेस्ड नैचुरल गैस (CNG) और हाइब्रिड कारों पर ज्यादा फोकस कर रही है। मारुति सुजुकी की योजना है कि इस वर्ष कंपनी CNG वाहनों का उत्पादन 50 प्रतिशत तक बढ़ाएगी।

बता दें कि, हाल ही में मारुति सुजुकी ने घोषणा की थी कि, कंपनी आगामी अप्रैल 2020 से देश में डीजल इंजन वाहनों का उत्पादन नहीं करेगी। क्योंकि नए बीएस6 मानकों के अनुसार डीजल इंजन को तैयार करने पर वाहनों की कीमत में इजाफा होगा। वहीं कुछ जानकारों का ये भी मानना है कि नए बीएस6 डीजल इंजन का प्रयोग करने के बाद वाहनों की कीमत में तकरीबन 1.5 लाख रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक का इजाफा होगा। जिसका सीधा असर वाहनों की बिक्री पर पड़ेगा।