देश की सबसे बड़ी कार मेकर कंपनी मारुति के कई कारें हैं जिनकी मार्केट में जबरदस्त पॉप्युलैरिटी है। ऐसी ही एक एसयूवी कार Maruti Vitara Brezza है। वैसे तो ब्रेजा की शुरुआती कीमत 8 लाख रुपये के करीब है लेकिन आप इसको सिर्फ 50 हजार रुपये के बजट में भी खरीद सकते हैं।

आइए जानते हैं कैल्कुलेशन: देश की राजधानी दिल्ली में Brezza की एक्स शोरूम कीमत 7 लाख 34 हजार रुपये है। लेकिन आप 50 हजार रुपये के डाउनपेमेंट पर भी कार को घर ले जा सकते हैं। अगर आप 50 हजार रुपये का डाउनपेमेंट करते हैं तो सात साल के लिए मासिक ईएमआई 11,355 रुपये की होगी। ईएमआई का ये कैल्कुलेशन कार लोन के 10 फीसदी की ब्याज पर है। अगर आप एसबीआई से फाइनेंस कराते हैं तो आपको और सस्ती ब्याज दर मिल जाएगी।

आप जितना ज्यादा डाउनपेमेंट करेंगे, ईएमआई का बोझ भी उतना ही कम होगा। वहीं, आप चाहें तो लोन पेमेंट की अवधि को भी कम करा सकते हैं। हालांकि, इस परिस्थिति में आप पर ईएमआई का बोझ बढ़ जाएगा। ऐसे में अपने बजट को देखते हुए ही कोई फैसला लेने की जरूरत होती है। ये देख लेना होता है कि आप बढ़े हुए अमाउंट की ईएमआई दे सकते हैं या नहीं।

कार की खासियत: Brezza का पेट्रोल इंजन 1462 सीसी का है। यह मैनुअल और ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन के साथ उपलब्ध है। वेरिएंट और फ्यूल टाइप के आधार पर Brezza का माइलेज भी बढ़ता है। इसकी शुरुआती माइलेज 17.03 किमी/लीटर है। इस 5 सीटर एसयूवी की फ्यूल टैंक कैपिसिटी 48 लीटर की है।

वहीं, लंबाई 3995mm, चौड़ाई 1790mm और व्हीलबेस 2500mm है। सेफ्टी फीचर्स में एंटी थेफ्ट सिक्योरिटी सिस्टम, सुजुकी Tect बॉडी, ABS With EBD, ड्यूल एयरबैग मिलते हैं। सीट बेल्ट रिमाइंडर लैंप और बजर के अलावा ड्यूल हॉर्न, हाई स्पीड वार्निंग अलर्ट, सेंट्रल लॉकिंग जैसे फीचर्स भी मौजूद हैं।

पैसेंजर्स व्हीकल्स की बिक्री में इजाफा: इस बीच, ऑटोमोबाइल डीलरों के संगठन फाडा ने बताया है कि त्योहारी मांग के चलते दिसंबर में पैसेंजर्स व्हीकल्स की खुदरा बिक्री में करीब 24 फीसदी का इजाफा हुआ है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अनुसार पैसेजंर्स व्हीकल्स की बिक्री दिसंबर 2019 में 2,18,775 इकाई थी, जो दिसंबर 2020 में 2,71,249 इकाई हो गई।

आंकड़ों के मुताबिक दोपहिया वाहनों की बिक्री 11.88 प्रतिशत बढ़कर 14,24,620 इकाई हो गई। हालांकि, कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री दिसंबर 2020 में 13.52 प्रतिशत घटकर 51,454 इकाई रह गई, जो इससे एक साल पहले की समान अवधि में 59,497 इकाई थी।