एक कार एक लीटर ईंधन में कितना किलोमीटर तक चल सकती है? इसपर एसआरएम यूनिवर्सिटी की एक छात्र इकाई ने एक प्रोटोटाइप का टेस्ट किया जिसने 100 किलोमीटर प्रति लीटर की दर से एवरेज दिया। इसके अलावा बीआईटीएस पिलानी ने एक कार चलाई जिसने 120 किलोमीटर प्रति लीटर की दर से एवरेज दिया। मगर इस मामले में केजी सौम्य कॉलेज मुंबई एक अनोखा रिकॉर्ड बनाते हुए नजर आ रहा है, जिसके प्रोटोटाइप टेस्ट में वाहन के 250 प्रति किमी का औसत छूने में कामयाब हुआ है। ये तीनों उन बीस टीमों का हिस्सा हैं जिन्होंने इस साल चेन्नई स्थित शेल इको मैराथन में भाग लिया। शैल इंडिया के चेयरमैन नितिन प्रसाद ने बताया कि इको मैराथन ने इन छात्रों को ऐसे वाहनों को बनाने की चुनौती जो सबसे ज्यादा एवरेज देती हों। इस साल ऐसा पहली बार हुआ है जब इको मैराथन भारत, मद्रास मोटर रेस ट्रैक, में हुआ हो। इसमें इको मैराथन ने कॉलेज छात्रों को सबसे ज्यादा एवरेज देने वालों वाहन बनाने के लिए न्योता दिया।
इस साल छात्र टीमों ने दो श्रेणियों, प्रोटोटाइप और अरबन कॉन्सेप्ट, के जरिए इसमें भाग लिया। अरबन कॉन्सेप्ट टीम को इंजन के दो प्रकारों के तहत वाहन चलाने की अनुमति दी। इसमें इंटरनल कंब्यूशन (पेट्रोल, डिजल और बायोफ्यूल) और बैटरी इलेक्ट्रिक शामिल हैं। उदाहरण के लिए आईआईटी-बीएचयू ने हल्का तीन पहिए का ईवी मोटर कंट्रोलर बनाया। यह एक बार चार्ज करने पर 350 किलोमीटर की दूरी का सफर तय कर सकता है। इसी तरह एनआईटी रायपुर टीम ने ऐसा ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) बनाया जो बैटरी में मौजूद एनर्जी का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने में सक्षम है। NIFFT रांची की छात्र टीम ने ऐसा प्रोटोटाइप ईवी बनाया जो एक kWh में 150 किमी तक का माइलेज दे सकता है। इसके अलावा इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वूमन ने ऐसा प्रोटोटाइप ईवी विकसित किया जो एक बार चार्ज करने पर 250 किमी से अधिक दूरी की यात्रा तय कर सकता है।