भारत के टू-व्हीलर सेक्टर में स्कूटर बिक्री में आई तेजी में जिन स्कूटरों की डिमांड सबसे ज्यादा है उनमें 100 सीसी से लेकर 125 सीसी तक के स्कूटर शामिल है। जिसमें एक प्रमुख नाम हीरो डेस्टिनी का भी है।

हीरो डेस्टिनी 125 सीसी इंजन वाला स्कूटर है जिसको खरीदने के लिए आपको 67,990 रुपये खर्च करने होंगे। लेकिन अगर आपके इतना पैसा इकट्ठा नहीं है तो यहां बताए गए फाइनेंस स्कीम के तहत आप इसको बहुत कम डाउन पेमेंट पर घर ले जा सकते हैं।

लेकिन फाइनेंस स्कीम को जानने से पहले आप जान लीजिए इस स्कूटर की माइलेज, फीचर्स और स्पेसिफिकेशन की पूरी डिटेल। हीरो डेस्टिनी में कंपनी ने सिंगल सिलेंडर वाला 124.6 सीसी का इंजन दिया है।

यह इंजन 9.00 बीएचपी की पावर और 10.40 एनएम का टॉर्क जनरेट करता है। इस स्कूटर का ट्रांसमिशन ऑटोमैटिक है। इस स्कूटर का कर्ब वेट 114 किलो है। इस स्कूटर डायमेंशन की बात करें तो इसकी कुल लंबाई 1809 एमएम, चौड़ाई 729 एमएम और ऊंचाई 1154 एमएम है।

इस स्कूटर के फीचर्स की बात करें तो इसके साथ हीरो कनेक्ट एप, सिग्नेचर एलईडी गाइड लैंप, मोबाइल चार्जिंग पोर्ट के साथ बूट लाइट, ऑलवेज हेडलैंप, डिजिटल एनालॉग कॉम्बो मीटर कंसोल, सिग्नेचर टेल लैंप, सर्विस रिमाइंडर, साइड स्टैंड इंडिकेटर, आइडल स्टॉप स्टार्ट सिस्टम जैसे फीचर्स मिलते हैं।

अब जान लीजिए इस स्कूटर पर फाइनेंस स्कीम की पूरी डिटेल। बाइक की जानकारी देने वाली वेबसाइट BIKEDEKHO पर दी गई डाउन पेमेंट और ईएमआई स्कीम की डिटेल के मुताबिक।

अगर आप हीरो डेस्टिनी का शीट मेटल व्हील मॉडल लेते हैं जिसकी शुरुआती कीमत 69,500 रुपये है उसपर बैंक कुल 75,107 रुपये का लोन देगा। जिसमें 9.7 प्रतिशत की दर से वार्षिक ब्याज जोड़ा गया है। (ये भी पढ़ेंपेट्रोल सूंघ कर चलती हैं ये टॉप 3 बाइक, देती हैं 100 kmpl तक का माइलेज)

इस लोन प्लान में आपको 8,345 रुपये की डाउन पेमेंट करनी होगी। जिसके बाद आपको हर महीने 2,706 रुपये की ईएमआई चुकानी होगी। इस लोन की अवधि 36 महीने तय की गई है।

लेकिन अगर आप इस स्कूटर के लिए 15 हजार की डाउन पेमेंट करते हैं तो इसके बाद आपको हर महीने 1,597 रुपये की ईएमआई चुकानी होगी। इस लोन की अवधि वैसे 36 महीने होती है लेकिन आप इसको 60 महीने की भी करवा सकते हैं।

आवश्यक सूचना: बैंक द्वारा दिया जाने वाला लोन आपकी बैंकिंग और सिबिल स्कोर पर निर्भर करता है। उसमें किसी तरह की नेगेटिव रिपोर्ट होने पर बैंक ब्याज दरों और डाउन पेमेंट में बढोतरी कर सकता है।