General Motors Strike 2019: दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी General Motors के लिए अचानक मुश्किलों का दौर शुरु हो गया है। यूनाइटेड ऑटो वर्कर्स यूनियन (UAW) ने रविवार को घोषणा की कि अमेरिका में जनरल मोटर्स के संयंत्रों में लगभग 49,000 कर्मचारी आधी रात से पहले हड़ताल पर चले जाएंगे क्योंकि कर्मचारियों के नए कॉन्ट्रैक्ट पर होने वाली महत्वपूर्ण वार्ता टूट गई है।

इस वार्ता में ये तय किया जाना था कि कंपनी में काम करने वाले कितने कर्मचारियों की नौकरी के कॉन्ट्रैक्ट को फिर से रेन्यू किया जाएगा। अमेरिका में पिछले 12 सालों में ऑटो सेक्टर में होने वाली ये पहली हड़ताल है।

बता दें कि, बीते रविवार को तकरीबन 200 प्लांट के यूनियन लीडर्स ने डेट्रायट में एक बैठक के दौरान सर्वसम्मति से वॉकआउट के पक्ष में मतदान किया। संघ के नेताओं ने कहा कि कंपनी का पक्ष अभी भी कई प्रमुख मुद्दों पर अलग था। इसके अलावा कंपनी नए उत्पादों को बनाने के ​बजाए 4 में से 2 प्लांट को बंद करने की योजना बना रही है।

(United Auto Workers) यूनियन के वाइस प्रेसिडेंट टेरी डिटेस ने एक बयान में कहा, “हम जनरल मोटर्स के लिए हर वक्त खड़े रहे हैं, जब कंपनी 2009 में दिवालिया घोषित होने वाली थी। अब हम अपने सदस्यों के साथ एकता और एकजुटता के साथ खड़े हैं।”

कंपनी में काम करने वाले एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर द एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि, General Motors ने शुक्रवार को डेट्रायट की एक फैक्ट्री में एक नया ऑल-इलेक्ट्रिक पिकअप ट्रक बनाने की पेशकश की थी, जो अगले साल तकरीबन बंद होने की स्थिति में है। कंपनी ने ओहियो के लॉर्ड्सटाउन में एक इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी प्लांट खोलने की भी पेशकश की थी। ये एक ऐसा प्लांट है, जहां पर पहले से ही कारों का निर्माण बंद कर दिया गया है।

इसके अलावा यह भी अभी स्पष्ट नहीं है कि कंपनी दोनों प्लांटों में कितने श्रमिकों को रोजगार देगी। बताते चलें कि, ओहियो प्लांट आगामी 2020 के लिए सियासी रूप से भी एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कंपनी की लगातार आलोचना की है और लॉर्ड्सटाउन प्लांट को फिर से खोलने की मांग की है।

General Motors ने एक बयान में यह भी कहा है कि शनिवार को यूनियन को एक और प्रस्ताप दिया गया था। जिसमें अमेरिकी प्लांट में 7 बिलियन डॉलर से अधिक के निवेश करने और 5,400 नए पदों के सृजन को प्रस्तावित किया गया है। हालांकि जनरल मोटर्स ने इस बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं दी है कि चारों राज्यों की फैक्ट्रियों में कितना निवेश किया जाएगा।

इसके अलावा, बयान में यह भी कहा गया है कि कंपनी ने लाभ के बंटवारे में प्रत्येक श्रमिक को 8,000 डॉलर का भुगतान और लाभ साझा करने का भी वादा किया है। यह घोषणा तब की गई जब शनिवार की मध्य रात्रि को कंपनी और श्रमिकों के बीच किया गया अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) समाप्त हो जाएगा।

क्या हैं असहमति के कारण:

उचित मजदूरी: जनरल मोटर्स का मुनाफा काफी बढ़ गया है और कंपनी के प्लांट में काम करने वाले कर्मचारी इसमें बड़ा हिस्सा चाह रहे हैं। यूनियन चाहता है कि, श्रमिकों का वार्षिक वेतन बढ़ाया जाए ताकि मंदी के बुरे दौर से कर्मचारियों को आर्थिक रूप से सुरक्षित किया जा सके। लेकिन कंपनी एक निश्चित एमाउंट को फिक्स कर एकमुश्त भुगतान कर मामले को निपटाने की सोच रही है।

नौकरी की सुरक्षा: यूनियन उन चार कारखानों ​के लिए नए उत्पाद यानी कि वाहनों का निर्माण करना चाहता है, जिन्हें जनरल मोटर्स बंद करने की सोच रहा है। इसके अलावा कारखाने की योजनाओं ने कुछ श्रमिकों को परेशान कर दिया है। अब ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को अपने नौकरी के सुरक्षा की चिंता सताने लगी है।

मजदूरी में अंतर: जनरल मोटर्स अन्य विदेशी कंपनियों के मुकाबले श्रमिकों के दिए जाने वाले वेतन के अंतर को भी करने की सोच रहा है। इंडस्ट्री के थिंक टैंक ऑटोमोटिव रिसर्च के आंकड़ों के मुताबिक जनरल मोटर्स का अंतर 13 डॉलर प्रति घंटे के हिसाब से सबसे ज्यादा है, जिसके बाद फोर्ड 11 डॉलर और फिएट क्राइसलर 5 डॉलर है। जनरल मोटर्स विदेशी स्वामित्व वाली फैक्ट्रियों में 50 डॉलर की तुलना में 63 डॉलर प्रति घंटे मजदूरी का भुगतान करता है।

सस्ता हेल्थकेयर: यूनियम के सदस्यों के पास बेहतर स्वास्थ्य बीमा योजनाएं भी हैं, लेकिन श्रमिक लागत का लगभग 4 प्रतिशत का भुगतान करते हैं। वहीं कैसर फैमिली फाउंडेशन के मुताबिक, देश भर में बड़ी कंपनियों के कर्मचारियों को लगभग 34 प्रतिशत का भुगतान करना पड़ता है। इसलिए कंपनियां लागत में कटौती करने की सोचेंगी।