दिल्ली में इलेक्ट्रिक कारों पर मिलने वाली 1.5 लाख तक की सब्सिडी बंद हो गई है और आगे भी इसे विस्तार देने की कोई योजना फिलहाल नहीं दिख रही है। ये जानकारी परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को दी है। उन्होंने कहा है कि अब दोपहिया वाहनों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मदद देने की योजना है।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ से बातचीत के दौरान कहा कि दिल्ली में इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट को हर संभव मदद दी गई है, लेकिन अब ध्यान इलेक्ट्रिक गाड़ियों में टू-व्हीलर, माल ढुलाई और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेगमेंट पर दिया जाएगा।
गहलोत ने कहा कि ई-कार के लिए सब्सिडी देने की जरूरत नहीं है क्योंकि जो शख्स 15 लाख रुपए खर्च करने की क्षमता रखता है, तो वह 1-2 लाख रुपए और देने की परवाह नहीं करता। हमारा लक्ष्य ये है कि हम सब्सिडी उसे दें, जिसे इसकी ज्यादा जरूरत है। इसमें ऑटो ड्राइवर्स, दोपहिया वाहनों के मालिक, डिलीवरी पार्टनर्स वगैरह शामिल हैं।
बता दें कि दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2020 के मुताबिक, सब्सिडी केवल शुरुआती एक हजार कारों के लिए थी, जिसमें प्रति कार 1,50,000 रुपए सब्सिडी दी जानी थी। अगस्त से अक्टूबर तक दिल्ली में 23000 इलेक्ट्रिक व्हीकल रजिस्टर्ड हुए, जिसमें 5246 दोपहिया वाहन थे और 10997 ईरिक्शा थे।
गौरतलब है कि देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल का चलन तेजी से बढ़ रहा है। हालही में खबर आई थी कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड, इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए देश में 10 हजार चार्जिंग स्टेशन लगाने जा रही हैं। कंपनी के चेयरमैन एसएम वैद्य ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि ये चार्जिंग स्टेशन अगले तीन साल में लगाए जाएंगे।
आईओसीएल के चेयरमैन ने बताया कि सरकारी कंपनी इनमें से दो हजार चार्जिंग स्टेशन अगले 12 महीने में लगाएगी। इसके बाद के दो साल में देश भर में आठ हजार अतिरिक्त चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे। इस तरह आईओसीएल अगले तीन साल में देश में कुल 10 हजार चार्जिंग स्टेशन लगाकर ई-व्हीकल (E Vehicle) के लिए बुनियादी संरचना तैयार करने में अपना योगदान देगी।